CAA Protest : हक छीनने नहीं हक दिलाने के लिए है नागरिकता संशोधन कानून : मजाहिर खान Moradabad News
झूठे प्रचार कर जनता को बहकाया और भड़काया जा रहा है जिससे देश में अशांति के माहौल बने। लिहाजा हिंसा से दूर रहें और शांति बनाए रखने में शासन और प्रशासन का सहयोग दें।
मुरादाबाद। नागरिकता संशोधन कानून को लेकर समाज में भ्रम फैलाने का और भय का माहौल बनाने का काम कांग्रेस, कट्टर पंथी नेता, लेफ्ट तथा सेक्युलर पार्टियां लगातार कर रहीं हैं। इसके चलते देश के अनेक हिस्सों में प्रदर्शन, हिंसा, आगजनी की घटनाएं हो रहीं हैं। असम और पूर्वोत्तर के अनेक राज्यों में इस कानून के विरोध में हिंसक आंदोलन हो रहे हैं। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच इस प्रकार की हिंसक आंदोलनों की निंदा करता है।
यह कहना है मुस्लिम राष्ट्रीय मंच मदरसा शिक्षा के राष्ट्रीय संयोजक मजाहिर खान का। उनका कहना है कि नागरिकता संशोधन कानून किसी भारतीय नागरिक की नागरिकता छीनने के लिए नहीं है, बल्कि हमारे देश में जो शरणार्थी आए हैं उनको नागरिकता प्रदान करने के लिए बनाया गया हैं। सच्चाई जाने बगैर इस प्रकार के हिंसक आंदोलन करना ठीक नहीं है।
इस कानून से शरणार्थियों का होगा भला
1947 में भारत के विभाजन के साथ हमें स्वतंत्रता मिली। यह विभाजन धर्म के आधार पर हुआ था जिसको कांग्रेस ने स्वीकार किया था। पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान तीनों देश घोषित इस्लामिक देश हैं। इन देशों से प्रताडि़त होकर जो हिंदू, सिक्ख, बौद्ध, जैन, पारसी और इसाई शरणार्थी भारत में आए हैं, उन्हें नागरिकता देने के लिए इस कानून को पारित किया गया।
नागरिकों को कोई खतरा नहीं
उन्होंने कहा कि इस कानून के पारित होने से भारत के 130 करोड़ नागरिकों को कोई खतरा नहीं हैं। लेकिन कुछ राजनीतिक पार्टियां लोगों को खास कर मुसलमानों को यह कह कर भड़का रहीं हैं कि इस कानून से उनकी नागरिकता छिन जाएगी। यह वही पार्टियाँ हैं जिन्होंने मुसलमानों को सब प्रकार से पिछड़ा और जलालत में रखा और उन्हें वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच भारत के नागरिकों को, खास कर मुसलमानों से यह अपील करता हैं की वे ऐसी पार्टियों के बहकावे में न आए। भारत सरकार ने पाकिस्तान से आए 627 मुसलमानों को भी भारत की नागरिकता दी है।