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Market condition : गांवों की अर्थव्यवस्था की सेहत बेहतर, शहर के बाजारों में खामोशी

Market condition आगापुर गांव के राम स्वरूप का कहना है कि उनकी परचून की दुकान है। अब पहले की तरह बिक्री हो रही है। लोग अपनी जरूरत का सामान खरीद रहे हैं।

By Narendra KumarEdited By: Published: Sat, 11 Jul 2020 02:21 PM (IST)Updated: Sat, 11 Jul 2020 02:21 PM (IST)
Market condition : गांवों की अर्थव्यवस्था की सेहत बेहतर, शहर के बाजारों में खामोशी
Market condition : गांवों की अर्थव्यवस्था की सेहत बेहतर, शहर के बाजारों में खामोशी

रामपुर। कोरोना संकट के दौर में शहरी बाजारों का कारोबार चौपट हो गया। लेकिन, गांव स्तर के छोटे बाजारों पर इसका उतना प्रभाव नहीं पड़ा। जहां नगरीय क्षेत्र के बाजारों में बिक्री न के बराबर दिखाई दे रही है। लेकिन, गांवों में ऐसी स्थिति नहीं है। इसका कारण गांवों में शहरी रहन-सहन को अपनाने की प्रवृत्ति है। बच्चे, युवाओं और महिलाओं को दैनिक उपयोग की वस्तुओं के लिए अब गांव के बाजार में ही सामान उपलब्ध है।

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कोरोना के कारण हुए लॉकडाउन में सब कुछ बंद था। गांव-शहर सब जगह बाजारों का बुरा हाल था। अब लॉकडाउन में राहत मिलने के बाद रास्ते खुले हैं तो लोगों ने सुकून की सांस ली है। लेकिन, अभी भी शहरी बाजारों की स्थिति ठीक नहीं हुई है। उधर कोरोना संक्रमण के चलते साबुन, मास्क और सैनिटाइजर की मांग गांव क्षेत्र में भी बढ़ी है। जिसके चलते कई युवाओं ने इस सामान को खरीद कर गांवों में उपलब्धता सुलभ करवा दी है। वहीं गांवों केबाजारों में भी इन चीजों का बाहुल्य हो गया है।

गांवों में बेहतर परिणाम

बच्चों के खाने का सामान, युवाओं और महिलाओं के दैनिक उपभोग की वस्तुओं में भी ग्रामीण अंचलों के परिणाम अच्छे नजर आ रहे हैं। इसके चलते गांवों की अर्थव्यवस्था की सेहत शहर से अच्छी दिखाई दे रही है। इससे कई लोगों को रोजगार के अवसर भी मिले हैं। अजीतपुर गांव के जनरल स्टोर स्वामी सलीम अहमद कहते हैं कि उनके यहां लोगों की जरूरत का सारा सामान उपलब्ध है। लाक डाउन के दौरान तो उनका कारोबार प्रभावित हुआ। लेकिन, अब खूब बिक्री हो रही है। रोज पांच हजार रुपये तक का सामान बिक रहा है। दालों की बिक्री पहले के मुकाबले बढ़ी है। 

कोरोना ने बढ़ा दी बाइकों की बिक्री

कोरोना संक्रमण काल ने लोगों को बड़े वाहनों से निकाल कर छोटे वाहनों पर सवार करवा दिया। अब भले ही लॉकडाउन खुल गया हो। लेकिन, लोग लोकल ट्रांसपोर्ट में सफर करने से कतरा रहे हैं। उनकी प्राथमिकता बाइक बनी हुई है। जिसके चलते बाइकों की बिक्री में पिछले वर्ष की अपेक्षा 25 प्रतिशत तक वृद्धि हुई है। 24 मार्च से लेकर मई तक लॉकडाउन के रहने से सब कुछ जैसे थम सा गया था। हालात अभी भी सुधरे नहीं हैं। आए दिन निकल रहे कोरोना पॉजिटिव केसों से लोगों में दहशत का माहौल है। विवशता में उन्हेंं बाहर निकलना तो पड़ रहा है। लेकिन, इस दौरान सावधानी बरतना वे नहीं भूल रहे। एक जून से अनलॉक हो चुका है। बसें और लोकल ट्रांसपोर्ट भी चालू कर दिए गए हैं। इसके बावजूद कोरोना का खौफ इस कदर हावी है कि लोग इन वाहनों में सफर करने से कतरा रहे हैं। ऐसे में वे लोग जो बड़े वाहन नहीं खरीद सकते, वे बाइक खरीदने को विवश हुए हैं। अचानक इनका उपयोग बढ़ा तो खरीद भी बढ़ गई। नगर में आरएन मोटर्स के स्वामी निर्मल सिंह बताते हैं कि दौर ऐसा है कि नगर के अंदर टेंपो में भीड़ में बैठने के बजाय लोग बाइक से चलना बेहतर मान रहे हैं। इसके पीछे उनका उद्देश्य संक्रमण से बचाव करना है। वह बताते हैं कि इसके चलते जून के महीने में 3600 बाइकें बिकी हैं। जो कि इसके चलते पिछले वर्ष की तुलना में यह 25 प्रतिशत अधिक है।


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