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पूर्व न्यायाधीश काटजू के बिगड़े बोल, लोकतंत्र में मेरा विश्वास नहीं, आज तक नहीं किया मतदान

मार्कंडेय काटजू को जिस देश के संविधान ने सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश बनने का अवसर दिया उसी देश के लोकतंत्र में उन्हें भरोसा नहीं है। मुरादाबाद में काटजू ने कई आपत्तिजनक बातें कहीं।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Sun, 17 Mar 2019 05:00 PM (IST)Updated: Sun, 17 Mar 2019 09:08 PM (IST)
पूर्व न्यायाधीश काटजू के बिगड़े बोल, लोकतंत्र में मेरा विश्वास नहीं, आज तक नहीं किया मतदान
पूर्व न्यायाधीश काटजू के बिगड़े बोल, लोकतंत्र में मेरा विश्वास नहीं, आज तक नहीं किया मतदान

मुरादाबाद, जेएनएन। अपने विवादित बयानों के लिए चर्चित पूर्व न्यायाधीश मार्कंडेय काटजू को जिस देश के संविधान ने सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश बनने का अवसर दिया, उसी देश के लोकतंत्र में उन्हें भरोसा नहीं है। मुरादाबाद आए काटजू ने राजनीति और राजनेताओं के बारे में कई आपत्तिजनक बातें कहीं। बोले, जिस तरह पागल कुत्ते को गोली मार दी जाती है, उसी तरह नेताओं को भी मार देनी चाहिए। नेता, जनता को जाति के नाम पर बांटकर अपना उल्लू सीधा करते हैं। इसीलिए भारतीय लोकतंत्र में मुझे विश्वास नहीं है। मैंने आज तक मतदान नहीं किया है और न करूंगा।

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गठबंधन सरकार में ही लिंचिंग की घटनाएं बंद होंगी
एक स्कूल के वार्षिकोत्सव में आए काटजू ने पत्रकारों से बातचीत में सभी दलों के नेताओं को चोर, ठग, गुंडे, हत्यारा और डकैत तक कह डाला। बोले, लोकसभा चुनाव में भाजपा पूरी तरह से साफ होने जा रही है। पांच साल में बेरोजगारी, अशिक्षा, भुखमरी, स्वास्थ्य जैसे जरूरी मुद्दों पर सरकार ने कोई चर्चा नहीं की। इस चुनाव में गठबंधन की ही सरकार बनने जा रही है। तभी मुसलमानों पर हो रही लिंचिंग की घटनाएं खत्म होंगी। कांग्रेस भी पूरी तरह से साफ हो चुकी है। उसका कोई वोट बैंक नहीं बचा है।

इमरान खान की तारीफ
उन्होंने पुलवामा हमले पर कहा कि एयर स्ट्राइक जैसे मुद्दों को भाजपा भुनाने की कोशिश कर रही है। हमले के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान का बयान तारीफ योग्य था। मैंने उनके बयान की तारीफ की थी। हमला जैश ए मुहम्मद ने किया इसके क्या सुबूत हैं? उसके केवल मान लेने से वह जिम्मेदार नहीं हो जाता। पाकिस्तान में बैठे ऐसे संगठन शोहरत बटोरने और डोनेशन लेने के लिए जिम्मेदारी ले लेते हैं। अगर मुझे कोई दस करोड़ दे तो मैं भी जिम्मेदारी ले लूंगा।

राम मंदिर कोई मुद्दा नहीं
भाजपा अपने राजनीतिक लाभ के लिए इस मुद्दे को जिंदा रखना चाहती है। वाल्मीकि रामायण के अनुसार राम भगवान नहीं थे। जब वह भगवान नहीं थे, तो मंदिर क्यों बनना चाहिए?


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