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Coroonavirus : मारिशा ने जीती कोरोना के खिलाफ जंग, हौसला देख आप भी रह जाएंगे दंग Moradabad News

कोरोना को डरकर नहीं हौसले से हराया जा सकता है। यह कर दिखाया है मारिशा ने। वायरस के खिलाफ उनका हौसला देख आप भी उनके मुरीद हो जाएंगे।

By Narendra KumarEdited By: Published: Mon, 06 Apr 2020 07:38 AM (IST)Updated: Mon, 06 Apr 2020 07:38 AM (IST)
Coroonavirus : मारिशा ने जीती कोरोना के खिलाफ जंग, हौसला देख आप भी रह जाएंगे दंग Moradabad News
Coroonavirus : मारिशा ने जीती कोरोना के खिलाफ जंग, हौसला देख आप भी रह जाएंगे दंग Moradabad News

मुरादाबाद, जेएनएन। कोरोना को डरकर नहीं हौसले से हराया जा सकता है। यह कर दिखाया है मारिशा ने। जिला अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में 19 मार्च से भर्ती मारिशा ने पहली रिपोर्ट पॉजिटिव रिपोर्ट आने पर हिम्मत नहीं हारी थी। एक तरफ देश करोनो के अंधकार से लडऩे के लिए रोशनी कर रह था। उधर तीसरी रिपोर्ट निगेटिव आने का पता चलने पर सभी के चेहरे पर राहत थी।

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फ्रांस से लौटने पर आया था बुखार

फ्रांस से आने के बाद मूंढापांडे की मारिशा को हल्का बुखार आया तो स्वास्थ्य विभाग से खुद ही संपर्क किया। 19 मार्च को युवती का नमूना लेकर अलीगढ़ जांच के लिए भेजा गया था। पॉजिटिव रिपोर्ट मिलने के बाद परिवार के साथ ही स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की चिंता बढ़ गई। उसका जिला अस्पताल के कोरोना वार्ड में उपचार चलता रहा। उसने घर से लैपटॉप, मोबाइल और किताब मंगा लीं।

हरी सब्जियां और दालों का अधिक सेवन

मारिशा को चिकित्सकों ने डाइट प्लान बताया। सुबह के नाश्ते में दूध और फल, दोपहर में हरी सब्जियां, दालों का सेवन अधिक करने के लिए कहा। उस दिन से घर से ही पौष्टिक खाना तैयार होकर आ रहा था।

पुराने गीत सबसे ज्यादा पसंद

आइसोलेशन वार्ड में भर्ती युवती हेडफोन से मोबाइल पर ऑनलाइन गीत सुनने के साथ ही भजन-कीर्तन भी सुन रहीं हैं। कहती है कि भगवान की शक्ति के सामने कुछ नहीं। वो ही सबको हौसला देता है।

रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए व्यायाम

वह प्रतिदिन सुबह में आइसोलेशन वार्ड गैलरी में ही 30 मिनट व्यायाम करती। इसमें 10 मिनट का एरोबिक शामिल था। गैलरी में ही तेज कदमों से पसीना आने तक चलना रूटीन में शामिल था। सीएमओ डॉ. एमसी गर्ग ने बताया कि तीसरी रिपोर्ट निगेटिव आई है। मरीज की लगातार दो रिपोर्ट निगेटिव आने पर मरीज को घर भेजा जाता है। वहां भी 14 दिन तक क्वारंटाइन में रहना पड़ता है। कोई लक्षण नहीं मिलने पर जांच की जरूरत नहीं है। 


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