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घरों में करें चरागां, पेश करें दरूद शरीफ का नजराना

कोरोना की वजह से धार्मिक कार्यक्रमों की दिशा बदल गई है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 26 Oct 2020 01:55 AM (IST)Updated: Mon, 26 Oct 2020 01:55 AM (IST)
घरों में करें चरागां, पेश करें दरूद शरीफ का नजराना
घरों में करें चरागां, पेश करें दरूद शरीफ का नजराना

मुरादाबाद,जासं : कोरोना की वजह से धार्मिक कार्यक्रमों की दिशा बदल गई है। पिछले 73 सालों से लगातार निकलने वाला जुलूसे मुहम्मदी इस बार नहीं निकाला जाएगा। ये निर्णय रविवार को मरकजी जमीयत अहले सुन्नत की लाल मस्जिद में हुई मीटिग में लिया गया। उलमा ने कहा कि हजरत मुहम्मद साहब की शान में नजराना ए अकीदत पेश करें। दरूद शरीफ पढ़ें और घरों को लाइटों से रोशन करें।

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अध्यक्षता करते हुए जुलूस कंवीनर मुहम्मद मुनव्वर अकरमी ने बताया कि प्रशासनिक स्तर पर कई दौर की बातचीत के बाद फैसला लिया गया है कि जुलूसे मुहम्मदी नहीं निकाला जाएगा। जुलूस के बानी धर्म गुरु मौलाना नजीरुल अकरम की कोशिश की वजह से 73 सालों से जुलूस निकाला जा रहा है। ये जुलूस जीआइसी चौराहे से शुरू होने के बाद मंडी चौक, अमरोहा गेट, टाउन हाल, कोतवाली होते हुए नीम की प्याऊ, लाल मस्जिद अकरमी रोड, तहसील स्कूल, दीवान का बाजार स्थित मदरसा जामिया नईमिया पर संपन्न होता है। कोरोना-19 की वजह से इस बार मुल्तवी किया गया है। हजरत मुहम्मद साहब पूरी दुनिया के लिए मोहसिने इंसानियत बनकर आए। आपका पैगाम आम करना है। इस बार के हालात देखते हुए घरों में नज्र पेश करें। सुबह फजर से पहले सलातो सलाम का नजराना पेश करें। सेक्रेट्री रिजवान उर रहमान ने बताया कि जुलूसे मुहम्मदी के जुलूस को लेकर किसी भी पार्टी, संस्था या संगठन को फैसला लेने का अधिकार नहीं है। संचालन शुजाअत अशरफी ने किया। इसमें मुफ्ती दानिश उल कादरी, मौलाना कासिम अकरमी आदि रहे।


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