यूपी में 180 की स्पीड से बगैर इंजन वाली ट्रेन-18 दौड़ेगी जल्द
मेक इन इंडिया ने बड़ी छलांग लगाई और तैयार की है स्पेशल ट्रेन-१८। ट्रेन में इंजन नहीं होगा तथा इसे २०० किमी की स्पीड से दौड़ाया जा सकेगा। यूपी में अगले महीने ट्रायल होगा।
मुरादाबाद (प्रदीप चौरसिया) : आपने देखा होगा कि ट्रेन के आगे इंजन लगा होता है, लेकिन अब नई रेल में ऐसा नहीं होगा। रेलवे ने हाई स्पीड 'ट्रेन-18' तैयार की है। इसमें ट्रेन के आगे कोई इंजन नहीं होगा। ट्रेन की हर बोगी के नीचे इंजन लगा होगा। यह ट्रेन दो सौ किलोमीटर प्रति घटे की रफ्तार से चलेगी। पहला ट्रायल मुरादाबाद रेल मंडल प्रशासन को रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्ड आर्गेनाइजेशन (आरडीएसओ) के साथ मिलकर करना है।यह ट्रायल मुरादाबाद-सहारनपुर के बीच किया जाएगा।
चालक के गार्ड की बैठने की है व्यवस्था
चेन्नई रेल कोच फैक्ट्री ने यह ट्रेन तैयार की है। इसकी बोगी मेट्रो की तर्ज पर बनी है। ट्रेन के दोनों ओर चालक व गार्ड के बैठने की व्यवस्था है। चालक के पास इंजन को संचालित करने व कंट्रोल करने वाला सिस्टम होगा। एक मिनट से कम समय में ट्रेन अपनी पूरी रफ्तार से दौड़ना शुरू कर देगी और ट्रेन को कम समय में रोका जा सकता है। यह ट्रेन पूरी तरह से एसी है। ट्रेन चलने के पहले सभी दरवाजे बंद हो जाएंगे और स्टेशन पर रुकते ही खुल जाएंगे। दुर्घटना होने पर अपने आप ही दरवाजे खुल जाएंगे।
यात्रियों के आरामदायक कुर्सियां
यात्रियों के बैठने के लिए आरामदेह चेयर की व्यवस्था है। चेयर घुमाने की सुविधा भी होगी। कोच में सीसीटीवी, एनाउंसमेंट सिस्टम, वाई फाई सुविधा भी मिलेगी। जल्द किया जाएगा ट्रायल ट्रायल मुरादाबाद-बरेली के बीच होगा। ट्रेन को अधिकतम 115 किलो मीटर प्रति घटे की रफ्तार पर चलाया जाएगा। पहले ट्रायल में सफल होने के बाद दूसरा मथुरा रेल मार्ग पर किया जाएगा। दोनों ट्रायल में सफल होने के बाद ट्रेन-18 को भारतीय रेल में शामिल कर लिया जाएगा। इसके बाद रेल मंत्रालय तय करेगा कि ट्रेन को किस मार्ग पर चलाना है। अगले सप्ताह पहुंच जाएगी ट्रेन मंडल रेल प्रबंधक अजय कुमार सिंघल ने बताया कि अगले सप्ताह तक ट्रेन-18 की बोगी मुरादाबाद पहुंच जाएगी। आरडीएसओ की टीम के साथ मिल कर ट्रायल की तारीख तय की जाएगी। नवंबर के प्रथम सप्ताह में ट्रायल पूरा होने की उम्मीद है।
जानिये ट्रेन की विशेषता
ट्रेन के अंदर 16 कोच होंगे जिसमें 14 नॉन एग्जीक्यूटिव कोच और 2 एग्जीक्यूटिव कोच। एग्जीक्यूटिव कोच में 56 यात्री बैठ सकेंगे और नॉन एग्जीक्यूटिव कोच में 78 लोगों के बैठने की सुविधा होगी। इस ट्रेन में 80 फीसद पाट्र्स मेक इन इंडिया के तहत देश में ही बने हुए हैं। इस ट्रेन को 180 किलोमीटर प्रति घंटे की तेज रफ्तार पर चलाने के लिए तैयार किया जा रहा है। ट्रेन में फ्री वाई-फाई और इंफोटेनमेंट दिया जाएगा। ट्रेन में जीरो डिस्चार्ज बायो वैक्यूम शौचालय होगा तथा ट्रेन के डिब्बों में व्हील चेयर के जगह होगी, जो दिव्यांग यात्रियों को ध्यान में रखकर बनाया गया है।
वर्ष 2018 में ट्रेन दौडऩे की तैयारी
रेलवे की कोशिश है कि इस साल के अंत में स्पेशल ट्रेन 18 को दौड़ा दिया जाए। खास बात यह है कि रेलगाड़ी के 16 कोच में मोटराइज्ड इंजन की व्यवस्था की गई है। इससे पूरी ट्रेन एक साथ तेजी से चलेगी और रुकेगी तथा ट्रेन शुरू से लेकर आखिरी तक आपस में जुड़ी होगी।बुलेट ट्रेन से पहले हाई स्पीड ट्रेन की यह ट्रेन राजधानी व शताब्दी से भी तेज चलेगी। इसे चेन्नई के आइसीएफ फैक्ट्री में तैयार किया जा रहा है।
आधी कीमत में तैयार हो रही ट्रेन
रेलवे के अनुसार ट्रेन को सौ करोड़ रुपये की कीमत में बनाया जा रहा है। इस तरह की ट्रेन विदेश से मंगाई जाती तो उसकी कीमत तकरीबन दो सौ करोड़ रुपये होती। ऐसे में इस ट्रेन को आयात करने की तुलना में मात्र आधी कीमत पर तैयार कर लिया गया है। खास बात यह है कि इस रेलगाड़ी को 18 महीने की अवधि के दौरान सोचा गया और डिजाइन किया गया।