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Makar Sankranti 2021 : काेेेेेहरे और गलन पर भारी पड़ी आस्‍था, गंगा स्‍नान के ल‍िए घाटों पर उमड़े श्रद्धालु

Makar Sankranti 2021 गंगा स्‍नान के ल‍िए घाटों पर सुबह से ही लोगों की भीड़ जुट गई। हालांक‍ि भोर में लोगों की संख्‍या कम थी लेकिन जैसे-जैसे वक्‍त आगे बढ़ता जा रहा था लोगों की संख्‍या भी बढ़ती जा रही थी।

By Narendra KumarEdited By: Published: Thu, 14 Jan 2021 08:41 AM (IST)Updated: Thu, 14 Jan 2021 08:41 AM (IST)
Makar Sankranti 2021 : काेेेेेहरे और गलन पर भारी पड़ी आस्‍था, गंगा स्‍नान के ल‍िए घाटों पर उमड़े श्रद्धालु
गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी।

मुरादाबाद, जेएनएन। Makar Sankranti 2021। मकर संक्रांत‍ि पर मंडल में सुबह से ही घना कोहरा छाया रहा। इसके अलावा गलन भी रही लेकिन श्रद्धालुओं पर इसका कोई असर नहीं द‍िखा। तड़के की गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ जुट गई। स्‍नान आदि के बाद श्रद्धालुओं ने पूजा-अर्चना की। मुरादाबाद में घाटों पर स्‍नान की कोई व्‍यवस्‍था नहीं की गई थी लेकिन अमरोहा के ब्रजघाट और तिगरी गंगा धाम में व‍िशेष इंतजाम क‍िए गए थे। तड़के ही यहां पर लोगों की भीड़ जुट गई थी।

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मकर संक्रांत‍ि पर ब्रजघाट और तिगरी गंगा धाम में पहुंच श्रद्धालुओं ने पतित पावनी मां गंगे को नमन करते हुए आस्था की डुबकी लगाई। श्रद्धालु पुण्य लाभ कमाने के लिए मां गंगे के पावन तट पर पहुंचे और श्रद्धा भाव से आस्था की डुबकी लगाई। वहीं पुरोहितों को चिचड़ी इत्यादि का दान देकर भी पुण्य लाभ कमाया। हालांकि ब्रजघाट व तिगरी में कोरोना काल के चलते स्नान के लिए कम ही श्रद्धालु पहुंचे थे।  

पुलिस-प्रशाासन की ओर से क‍िए गए थे इंतजाम 

हर बार की तरह इस बार भी घाट पर पार्किंग आदि के इंतजाम क‍िए गए थे। हालांक‍ि भीड़ बढ़ने की वजह से कई बार व्‍यवस्‍था संभालने में कड़ी मशक्‍कत करनी पड़ी। काफी लोग अपने वाहनों से पहुंचे थे, तो काफी लोग क‍िराए के वाहन में आए थे। गंगा स्‍नान के दौरान शारीरिक दूरी का पालन होता हुआ नजर नहीं आया। प्रशासन की ओर से लोगों को जागरूक करने का प्रयास क‍िया जा रहा था।   

पर्व का है आध्यात्मिक और वैज्ञानिक महत्‍व 

सम्‍भल ज‍िले के गोला गंज स्थित राधा कृष्ण मंदिर के पुजारी ओमप्रकाश शर्मा ने बताया कि मकर संक्रांति ऐसा पर्व है जिसका आध्यात्मिक और वैज्ञानिक दोनों ही दृष्टियों से महत्व है। इस दिन सूर्य कर्क रेखा से मकर रेखा पर जाता है।

शाम को इस समय तक रहेगा पुण्‍य काल

पातालेश्वर महादेव मंदिर के महंत जुगल किशोर मिश्रा ने बताया कि दिन भर में पुण्य काल की बात करें तो वो करीब शाम के 5 बजकर 46 मिनट तक रहेगा। हालांकि, महापुण्य काल सुबह सवेरे ही रहेगा। माना जाता है कि पुण्य काल में स्नान-दान करने से अक्षय फल की प्राप्ति होती है। इस दिन सूर्य भगवान उत्तरायण होते हैं। मान्यता है कि इस दिन से देवताओं के दिन शुरू हो जाते हैं। 

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