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रामपुर दुष्कर्म कांड में पटवाई थाना प्रभारी समेत पांच पुलिस कर्मी लाइन हाजिर

पटवाई थाना पुलिस पर दुष्कर्म के आरोपित सिपाही को बचाने और समझौते का दबाव बनाने के मामले में पुलिस अधीक्षक शगुन गौतम ने जांच बैठा दी है। जांच सीओ मिलक श्रीकांत प्रजापति को सौंपी है। महिला मजिस्ट्रेट ज्योति गौतम ने भी जिला अस्पताल पहुंचकर पीडि़ता के बयान दर्ज किए हैं।

By Abhishek PandeyEdited By: Published: Sat, 17 Oct 2020 06:57 PM (IST)Updated: Sat, 17 Oct 2020 06:57 PM (IST)
रामपुर दुष्कर्म कांड में पटवाई थाना प्रभारी समेत पांच पुलिस कर्मी लाइन हाजिर
महिला मजिस्ट्रेट ज्योति गौतम ने भी जिला अस्पताल पहुंचकर पीडि़ता के बयान दर्ज किए

रामपुर, जेएनएन। सिपाही द्वारा दुष्कर्म का शिकार हुई महिला द्वारा जहर खाने के मामले में थाना प्रभारी समेत पांच पुलिस कर्मियों पर गाज गिर गई है। पुलिस महानिरीक्षक रमित शर्मा ने इन्हें लाइन हाजिर कर दिया है। जिले से बाहर स्थानांतरित करने को भी कह दिया है। 

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पुलिस के आला अफसर मामले को गंभीरता से ले रहे हैं। शनिवार शाम को आइजी रमित शर्मा मुरादाबाद से यहां पहुंंचे। पहले जिला अस्पताल में भर्ती पीडि़ता की तबीयत की जानकारी की। पीडि़ता और उसके पति से भी बात की। दोनों ने सिपाही को बचाने के लिए थाना पुलिस द्वारा समझौते का दबाव बनाने का आरोप लगाया था। आइजी ने उनकी पूरी बात सुनी और भरोसा दिलाया कि उन्हें डरने की जरूरत नहीं है। उनके मामले में पूरी निष्पक्षता से जांच की जाएगी। दोषी पुलिस कर्मियों को बख्शा नहीं जाएगा। बाद में आइजी पटवाई थाने भी गए। वहां थाना प्रभारी मनोज कुमार को फटकार लगाई। चेतावनी दी कि इस मामले में जो भी पुलिस कर्मी दोषी होगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। आइजी ने बाद में पीडि़ता के गांव जाकर भी जानकारी की। आइजी ने इससे पहले दिन में ही मुरादाबाद से महिला सीओ को भी जांच के लिए रामपुर भेजा। महिला सीओ ने भी जिला अस्पताल में जाकर पीडि़ता और उसके स्वजनों से बात की।

गौरतलब है कि पटवाई थाने के सिपाही अमित कुमार पर महिला ने दुष्कर्म करने और वीडियो बनाकर धमकाने का आरोप लगाया है। एसपी के आदेश पर पटवाई थाने में ही सिपाही के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जा चुका है। एसपी उसे निलंबित भी कर चुके हैं। लेकिन, थाना पुलिस ने इस मामले में ढिलाई बरती। दो दिन तक आरोपित सिपाही को गिरफ्तार नहीं किया। समझौते के लिए पीडि़ता के घर जाकर दबाव बनाते रहे। पीडि़ता ने जब पुलिस उत्पीडऩ से तंग आकर जहर खा लिया। तब पुलिस हरकत में आई और सिपाही को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। आइजी ने बताया कि जांच पड़ताल में पता चला कि चार पुलिस कर्मियों ने जाकर समझौते का दबाव बनाया। इनमें दो महिला पुलिस कर्मी हैं। थाना प्रभारी ने पूरे मामले में लापरवाही बरती। इसलिए इन्हे लाइन हाजिर किया गया है। जिले से बाहर भी स्थानांतरित किए जाएंगे। 

मजिस्ट्रेट ने जिला अस्पताल जाकर दुष्कर्म पीड़िता के दर्ज किए बयान

पटवाई थाना पुलिस पर दुष्कर्म के आरोपित सिपाही को बचाने और समझौते का दबाव बनाने के मामले में पुलिस अधीक्षक शगुन गौतम ने जांच बैठा दी है। जांच सीओ मिलक श्रीकांत प्रजापति को सौंपी है। इसके अलावा महिला मजिस्ट्रेट ज्योति गौतम ने भी जिला अस्पताल पहुंचकर पीडि़ता के बयान दर्ज किए हैं।

डिप्टी कलक्टर ज्योति गौतम ने भी शनिवार को जिला अस्पताल पहुंचकर पीडि़ता के बयान दर्ज किए हैं। पुलिस अधीक्षक शगुन गौतम का कहना है कि जांच में यदि पीडि़ता का आरोप सच साबित हुआ तो दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।


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