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उधारी में कट रही जिंदगी, खुलकर जीने की तमन्ना Moradabad News

25 हजार है भैसिया ग्राम पंचायत की आबादी। 700 राशन कार्ड धारक हैं जिनको राशन मिल रहा है । सामुदायिक रसोई न होने से एक-दूसरे के घर से उधार राशन मांगकर ग्रामीण चला रहे चूल्हा।

By Ravi SinghEdited By: Published: Wed, 29 Apr 2020 09:57 AM (IST)Updated: Wed, 29 Apr 2020 09:57 AM (IST)
उधारी में कट रही जिंदगी, खुलकर जीने की तमन्ना Moradabad News
उधारी में कट रही जिंदगी, खुलकर जीने की तमन्ना Moradabad News

मुरादाबाद (मोहन राव) । तुम्हारी फाइलों में गांव का मौसम गुलाबी है, मगर ये आंकड़े झूठे हैं ये दावा किताबी है जन कवि अदम गोंडवी की कविता की ये लाइनें ग्राम पंचायत भैसिया पर सटीक बैठती हैं। लॉकडाउन में ग्रामीणों की जिंदगी उधारी पर चल रही है, बच्चे, बुजुर्ग, महिलाएं सब खुलकर जीने की राह देख रहे हैं। सामुदायिक रसोई नहीं होने से एक-दूसरे के घर से राशन उधारी पर लेकर ग्रामीण अपने घरों का चूल्हा जला रहे हैं।

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लॉकडाउन में घर चलाना मुश्किल : मिलक में 2500 की आबादी है, इसमें अधिकतर लोग मजदूरी के लिए गुलाबबाड़ी फाटक के पास सुबह खड़े हो जाते थे। घर चलाने के लिए मजदूरी कर पैसा कमाते थे, लेकिन अब मजदूरी करने नहीं जा रहे। सुनील, भारत, कमल सिंह, सतवीर आदि ने कहा कि लॉकडाउन के कारण घर में बंद हैं, मजदूरी नहीं मिल रही तो दाल-सब्जी के लिए परेशानी झेलनी पड़ रही है। चावल-आटा तो किसी तरह आपस में एक-दूसरे के घर से उधार लेकर काम चला रहे हैं।

गंदगी की भरमार, बजबजा रहीं नालियां : मुख्यालय से महज नौ किलोमीटर की दूरी पर ग्राम पंचायत भैसिया में गंदगी की भरमार है। नालियां बजबजा रहीं हैं तो कूड़े के ढेर बीमारियों को दावत दे रहे हैं। ग्रामीण बताते हैं कि सफाई कर्मचारी नहीं आता है, इसलिये नालियों का पानी सड़क पर जमा होने से बदबू आती है। बार-बार कहने के बाद भी कोई नहीं सुनता, लिहाजा लॉकडाउन के कारण हम लोगों ने भी चुप्पी साध रखी है।

खुलकर जीने की चाहत : ग्राम पंचायत भैसिया में प्रवेश के पहले ही मिलक पड़ता है, इसे भैसिया की मिलक कहते हैं। शिव मंदिर के सामने पुराना पेड़ है, चबूतरा बना है। चबूतरे पर बैठकर ग्रामीण आपस में कोरोना पर चर्चा करके पूरा दिन बिता देते हैं। नत्थन सिंह, जतिन, सतवीर आदि ग्रामीणों ने कहा कि अब लॉकडाउन खत्म हो ताकि खुलकर जीवन जी

सकें।

कोर्स पूरा करने की चिंता : विवेकानंद इंटर कालेज में दसवीं की कक्षा में प्रवेश पाने वाले जतिन कुमार ने कहा कि ऑनलाइन पढ़ाई कराई जा रही है, मेरे पास फोन नहीं है, कोर्स कैसे पूरा करें, बस यही चिंता है। कक्षा-नौ की किताब को ही दोहरा रहे हैं ताकि पढ़ाई का क्रम बना रहे।

गोटी खेलकर काट रहे दिन : लॉकडाउन का असर यहां देखने को नहीं मिला। शारीरिक दूरी का पालन कुछ क्षेत्रों में जरूर हो रहा है लेकिन कुछ जगहों पर लोग बेखौफ होकर घूम रहे हैं। बच्चे लूडो और युवा गोटी खेलकर दिन बिता रहे हैं।

यहां सामुदायिक किचन नहीं है, प्रस्ताव आया था लेकिन हमने कहा कि यहां कोई दिक्कत नहीं है। जहां से भी फोन आता है वहां पर भोजन और राशन पहुंचाया जा रहा है। 1700 राशन कार्ड धारक हैं जिनको राशन मिल रहा है। खुद के प्रयास से 125 लोगों को राशन भिजवाया है।

-वीरेन्द्र सिंह, प्रधान, भैसिया। 


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