सम्भल के किसान की हत्या में तीन को आजीवन कारावास की सजा, 15 साल पहले की थी हत्या
Life imprisonment for Murdering Farmer पंद्रह साल पहले हुई किसान की हत्या में तीन आरोपितों को अदालत ने आजीवन कारावास की सजा के साथ साथ प्रत्येक पर 25 हजार रुपए का जुर्माना देने की सजा सुनाई है। 13 फरवरी 2006 में राजपाल निवासी पृथ्वीपुर ने मुकदमा दर्ज कराया था।
मुरादाबाद, जेएनएन। Life imprisonment for Murdering Farmer : पंद्रह साल पहले हुई किसान की हत्या में तीन आरोपितों को अदालत ने आजीवन कारावास की सजा के साथ साथ प्रत्येक पर 25 हजार रुपए का जुर्माना देने की सजा सुनाई है। थाना बहजोई में 13 फरवरी 2006 में राजपाल निवासी पृथ्वीपुर ने मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप था कि पूर्णिमा के दिन उसके पुत्र सुभाष व दिनेश गंगा स्नान के लिए राजघाट गए थे। दिनेश अपने रिश्तेदार के घर तुर्तीपुर में रुक गया। सुभाष घर लौट रहा था। रास्ते में उसके दोस्त किशनपाल व जबर सिंह मिल गए।
उनके साथ वह तुर्तीपुर चला गया। जहां पहले से रामखिलाड़ी, श्योराज, निवासीगण बल्लमपुर जिला सम्भल व राजू निवासी ग्राम चितौरा जिला सम्भल मौजूद थे। किशनपाल व जबर सिंह चारों को छोड़कर अपने घर चले गए थे। 14 फरवरी 2006 को अतरासी व पंवासा के बीच सुभाष का शव सड़क किनारे पड़ा मिला। उसके सीने पर गोली का निशान था। थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज करके तफ्तीश शुरू की तो पता चला कि आरोपित रामखिलाड़ी व मृतक सुभाष की बहन के संबंध थे। सुभाष के विरोध करने के कारण रामखिलाड़ी सुभाष से रंजिश रखने लगा और 13 फरवरी 2006 की रात्रि मौका पाकर अपने तीनों साथियों के साथ मिलकर सुभाष की गोली मारकर हत्या कर दी।
मुकदमा अपर जिला जज प्रथम अरविंद कुमार सिंह द्वितीय की अदालत में सुना गया। जिसमें बचाव पक्ष का कहना था कि उन्हें झूठा फंसाया गया है। घटना का कोई प्रत्यक्ष प्रमाण नहीं है। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता ब्रज राज सिंह ने अदालत को बताया कि आरोपीगण मृतक से रंजिश रखते थे, क्योंकि मृतक आरोपित के अवैध संबंध में रुकावट पैदा कर रहा था। इस बात को साबित करने के लिए 11 गवाह अदालत में पेश किए गए। अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद रामखिलाड़ी, श्योराज, व राजू को हत्या का दोषी करार देते हुए तीनों को आजीवन कारावास की सजा के साथ-साथ प्रत्येक पर 25 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनवाई है।