Move to Jagran APP

Health : कोरोना संक्रमण से बचने के ल‍िए कुष्‍ठ रोगी अपनाएं ये तरीका, बड़े काम की हैं ये बातें

Prevention of corona infection in leprosy कुष्ठ रोगियों की प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। ऐसे में कोरोना संक्रमण से बचने के ल‍िए उन्‍हें व‍िशेष सावधानी बरतनी होगी। दूरी और मास्क है जरूरी के नियम का उन्‍हें सख्‍ती से पालन करना होगा।

By Narendra KumarEdited By: Published: Sat, 05 Dec 2020 04:45 PM (IST)Updated: Sat, 05 Dec 2020 04:45 PM (IST)
Health : कोरोना संक्रमण से बचने के ल‍िए कुष्‍ठ रोगी अपनाएं ये तरीका, बड़े काम की हैं ये बातें
कोरोना काल में कुष्ठ रोगी भी रखें विशेष ख्याल

मुरादाबाद, जेएनएन। Prevention of corona infection in leprosy। कोरोना काल में संक्रमण से दूरी रखने के लिए शारीरिक दूरी और मास्क है जरूरी का पालन करना है। कुष्ठ रोगियों की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कम होती है। इस वजह से वे संक्रमण की चपेट में आ सकते हैं।

loksabha election banner

जिले में 189 कुष्ठ रोगी पंजीकृत हैं। उन सभी को कोरोना संक्रमण से बचाव के प्रत‍ि जागरूक किया जा रहा है। कुष्ठ रोग नोडल डॉ. ब्रहृा सिंह ने बताया कि शरीर के किसी स्थान पर कोई सुन्न घाव है। जिसमें दर्द नहीं होता है तो ऐसे व्यक्ति को कोविड-19 को देखते हुए घाव की देखभाल करनी जरूरी है। ताकि कोरोना संक्रमण को होने से रोका जा सके। ऐसे व्यक्ति गुनगुने पानी में अपने घाव को कुछ देर डुबोकर रखें। घाव के आसपास की अतिरिक्त खाल (मृत कोशिका) को रुई से साफ करें। सूखने पर रुई हटा दें। इसके बाद कोई भी एंटीसेप्टिक क्रीम लगाकर उस पर पट्टी बांधकर रखें। उन्होंने कहा कि कुष्ठ रोग के लक्षणों की पहचान, इससे बचाव और इलाज की प्रक्रिया को लोगों तक पहुंचाने के लिए जागरूक होना जरूरी है। जिला कुष्ठ कंसल्टेंट डॉ. भास्कर अग्रवाल ने बताया कि ऐसे मौसम में कुष्ठ रोगियों को बहुत एहतियात बरतने की जरूरत है। रोगी पहले से कुष्ठ की बीमारी से पीड़ित हैं और उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कम होती है। ऐसे में उन्हें संक्रमण होने का खतरा अधिक होता है। उन्हें हमेशा सही ढंग से मास्क लगाना चाहिए। कुष्ठ रोग लाइलाज नहीं है। आधुनिक तरीकों से तैयार की गई दवा एमडीटी के इस्तेमाल से इलाज संभव है। यह रोग किसी से हाथ मिलाने से नहीं होता।

कुष्ठ रोग के लक्षण

त्वचा पर हल्के या गाढ़े रंग का दाग धब्बा, धब्बे में खुजली न हो और पसीना न आता हो, आंखों से पानी आ रहा हो, हाथ पैर में छाले हो रहे हों, शरीर के कुछ हिस्से में गर्म ठंडे का अहसास न हो।

ये करें

कुष्ठ रोगी को गर्म बर्तन, चाकू और नुकीली वस्तु से दूर रखना चाहिए। कुष्ठ रोगी खाली पांव न चलें। कुष्ठ रोगियों के छोटे घावों को भी नजर अंदाज नहीं करना चाहिए। वर्तमान में जिले में 189 कुष्ठ रोगी पंजीकृत हैं, जिनमें 89 पासी बिसलरी है अर्थात जिन्हें छह माह के इलाज की आवश्यकता है। 100 मरीज ऐसे हैं जिनको एक साल इलाज की सुविधा दी जानी है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.