Land Documents Missing : दस्तावेजों को गायब करने का चल रहा खेल, एमडीए एक साल से कर रहा नक्शे का इंतजार
Land Documents Missing जिला प्रशासन के अफसरों से पत्राचार करके लाकड़ी फाजलपुर का नक्शा मांग चुके हैं। लेकिन प्रशासनिक अफसर नक्शा उपलब्ध नहीं करा पाए हैं। नक्शा न मिलने के कारण लाकड़ी फाजलपुर में भूमि का चिन्हांकन नहीं हो पा रहा है।
मुरादाबाद [रितेश द्विवेदी]। Land Documents Missing : सरकारी जमीनों के दस्तावेज गायब होना आम बात हो गई है। सीलिंग और ग्राम समाज की जमीन को हड़प करने के लिए विभागीय कर्मचारियों की मिलीभगत से जमीनों के दस्तावेज गायब कराने का खेल सालों से चलता आ रहा है। इस मामले में पहले भी जांच हो चुकी है। लेकिन अभी तक जितने भी मामले सामने आए हैं, उनमें कर्मचारियों और बाबुओं को बचाने का पूरा खेल खेला गया है। बीते एक साल से मुरादाबाद विकास प्राधिकरण के अफसर दिल्ली रोड स्थित लाकड़ी फाजलपुर की जमीन का नक्शा मांग रहे हैं। लेकिन जिला प्रशासन के अफसरों की ओर से जमीन का नक्शा नहीं उपलब्ध कराया गया। सदर तहसील के अफसरों का कहना है कि तहसील के अभिलेखागार से नक्शा गायब है। लेकिन हैरत की बात है कि यह नक्शा जिला अभिलेखागार में भी नहीं मौजूद है।
यह पहला मामला नहीं हैं, जब एमडीए से लेकर जिला अभिलेखागार से जमीन के नक्शा गायब हुए हैं। अफसरों का कहना है कि इस मामले में राजस्व परिषद को पत्र भेजकर नक्शा मांगा गया है। दिल्ली रोड में लाकड़ी फाजलपुर गांव की जमीन में बड़ी इंडस्ट्री स्थापित हो चुकी है। यहां पर बड़े पैमाने पर ग्राम समाज और सीलिंग की भूमि है। लेकिन इस बात की जानकारी अफसरों को न लगे, इसके लिए दस्तावेजों को ही गायब करा दिया गया। दस्तावेज गायब होने का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी दिल्ली रोड की जमीनों के दस्तावेज गायब हो चुके हैं। इस मामले में कलेक्ट्रेट कर्मियों के खिलाफ साल 2019 में दो साल की लंबी जांच के बाद मुकदमा दर्ज कराया गया था, लेकिन इस मुकदमे के सभी आरोपितों के नाम पुलिस जांच में बाहर करके चार्जशीट अज्ञात के नाम पर कोर्ट में दाखिल कर दी गई थी। मुरादाबाद विकास प्राधिकरण के अफसर बीते एक साल से तीन बार जिला प्रशासन के अफसरों से पत्राचार करके लाकड़ी फाजलपुर का नक्शा मांग चुके हैं। लेकिन प्रशासनिक अफसर नक्शा उपलब्ध नहीं करा पाए हैं। नक्शा न मिलने के कारण लाकड़ी फाजलपुर में भूमि का चिन्हांकन नहीं हो पा रहा है।
दस्तावेज गायब होने की जांच भी दबी : करीब दो साल पहले सदर तहसील में दिल्ली रोड स्थित एक हाउसिंग सोसायटी के जमीन से संबंधित दस्तावेज गायब होने का मामला पकड़ में आया था। इस मामले में तत्कालीन जिलाधिकारी ने जांच के आदेश दिए थे। इसी जांच के दौरान यह भी पता चला था कि कलेक्ट्रेट स्थित अभिलेखागार से शत्रु संपत्ति के दस्तावेजों की फाइलें गायब करने के साथ ही खाता-खसरा नंबरों के पन्ने फाड़ दिए गए हैं। मामले की जानकारी होने के बाद जिलाधिकारी के निर्देश पर मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दिए गए थे। जांच में पता चला कि कृषि भूमि के खाता संख्या-124 और 177 के पन्नों को फाड़कर गायब कर दिया गया है। इस मामले में कलेक्ट्रेट के अभिलेखागार में कार्यरत दो कर्मचारियों के खिलाफ सिविल लाइन थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। लेकिन पुलिस ने जांच के नाम पर पूरे मामले में लीपापोती करके फाइल को बंद कर दिया था।
117 सालों से अभिलेखागार में रखे 1750 गांव के अभिलेख : कलेक्ट्रेट स्थित अभिलेखागार में मुरादाबाद के साथ ही सम्भल के लगभग 1750 गांव के अभिलेख रखे हुए हैं। बीते 117 सालों से इन अभिलेखों को सुरक्षित रखने के लिए प्रशासन लाखों रुपये खर्च भी करता है। कलेक्ट्रेट के अभिलेखागार में सन 1904 से लेकर अभी तक के सभी अभिलेख सुरक्षित रखे हुए हैं, जिसमें मुरादाबाद की सीमा में पड़ने वाले 1208 गांव और सम्भल के 650 गावों के दस्तावेज हैं। इन दस्तावेजों को सुरक्षित रखने के लिए अलग-अलग गांव के नाम से बंडल बनाकर फिर उसमें कागजों को रखा गया है। मुरादाबाद, ठाकुरद्वारा, कांठ और बिलारी तहसील के साथ सम्भल के जमीन के दस्तावेजों की लगभग तीन लाख ज्यादा फाइलें यहां रखी हुईं हैं।
एमडीए अफसरों का पत्र मिला था। लेकिन तहसील और जिले के अभिलेखागार में लाकड़ी फाजलपुर का नक्शा नहीं मौजूद है। इस संबंध में उच्च अधिकारियों के माध्यम से राजस्व परिषद को पत्र भेजकर नक्शे की प्रतिलिपि मांगी गई है। राजस्व परिषद से नक्शा उपलब्ध होने के बाद संबंधित विभाग को प्रतिलिपि उपलब्ध कराई जाएगी। वहीं नक्शा न होने की स्थानीय स्तर पर जांच की जा रही है।
प्रशांत तिवारी, उपजिलाधिकारी, सदर मुरादाबाद