दुर्गा ने पति को छोड़ा पर चोरी से नाता नहीं तोड़ा
लखीमपुर खीरी काहरेक शख्स जानता है दुर्गा नाम को
मुरादाबाद : दुर्गा उर्फ संजना वो नाम है, जिसे लखीमपुर खीरी काहरेक शख्स जानता है, अच्छे काम के लिए नहीं बल्कि गंदे धंधे के लिए यहां दुर्गा जानी जाती है। बडखीरवा के रामप्रसाद के बेटे अरुण को दुर्गा से मोहब्बत हो गई। दोनों ने प्रेम विवाह भी कर लिया, लेकिन धंधे के आगे दुर्गा ने मोहब्बत को छोड़ दिया। अब पति से अलग होकर गैंग की सरगना बन चुकी है। दुर्गा का पूरा फोकस ठगी पर रहता है। उसने 'की एंड का' मूवी के बाद सभी महिलाओं के पति को घर के काम और बच्चों को संभालने के लिए लगा दिया।
लखीमपुर खीरी के हैदराबाद थाने के कंधारपुर गांव निवासी कमला पिछले बीस साल से ठप्पा मार गिरोह चला रही है। कमला आसपास के जनपदों में ठगी करती थी। उसके साथ दुर्गा उर्फ संजना के जुड़ जाने के बाद गिरोह में विस्तार के साथ ठप्पा मारी का एरिया भी बढ़ गया। दुर्गा शुरू से ही गैंग की सरगना बनना चाहती थी। इसलिए उसने अपने पति को भी छोड़ दिया। हाल में दुर्गा ही गैंग को ऑपरेट करती है। उसके साथ काम करने वाली मोहनी, अनीता और तोसा अपने पतियों से घर का पूरा काम कराती हैं। दुर्गा ने बताया कि घर से कार बुकिंग करने के बाद अच्छे कपड़े पहनकर निकलती है। गैंग शहर में एक ठगी करने के बाद कार में सवार होकर दूसरे शहर में निकल जाता है। वहां होटल में रहकर दूसरी वारदात की तैयारी करते हैं। तीन दिन बाद घर वापस लौट जाते हैं।
कस्बों की दुकानें ज्यादा रहती हैं टार्गेट पर :
लेडी गैंग कस्बे की दुकानों को सबसे ज्यादा टार्गेट करती हैं, क्योंकि उनमें सीसीटीवी कैमरे नहीं होते हैं। यही कारण है कि हरिद्वार से बिजनौर, नजीबाबाद, धामपुर और मुरादाबाद के छजलैट तथा कांठ में ठगी की वारदातों को ज्यादा अंजाम दे रही थीं। पुलिस भी ठगी का मामला समझकर मुकदमा दर्ज तक नहीं कर रही थी। हैरत की बात है कि ठगी की रकम से सभी महिलाएं अपना परिवार तो चला रही हैं। साथ ही बच्चों की पढ़ाई भी करा रही हैं। कमला के बच्चे इस धंधे से पढ़ाई कर रहे हैं।