जमीन के लिए मां को मार डाला, पहचान छुपाने को चेहरा भी कुचला था, मिली उम्रकैद की सजा
Court verdict वर्ष 2012 में डिलारी के सरकड़ा विश्नोई गांव में शराबी बेटे ने मांं की हत्याकर शव को नहर के किनारे फेंक दिया था। तीस हजार रुपये का जुर्माना भी देना होगा।
मुरादाबाद। शराबी बेटे ने जमीन के लालच में अपनी ही मां का गला घोटकर हत्या कर दी थी। इस मामले में पुलिस ने बेटे के खिलाफ मुकदमा दर्ज करके जेल भेज दिया था। मंगलवार को जिला एवं सत्र न्यायाधीश देवीशंकर प्रसाद श्रीवास्तव ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद दोषी बेटे को उम्रकैद की सजा सुनाई। इसके साथ ही तीस हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया।
जिला शासकीय अधिवक्ता नितिन गुप्ता ने बताया कि डिलारी थाना क्षेत्र के सरकड़ा विश्नोई गांव में नहर की पटरी में आठ जुलाई 2012 को 65 वर्षीय वृद्धा का शव पड़े होने की सूचना पुलिस को मिली थी। सूचना मिलने के बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लेकर गांव वालों से शिनाख्त कराई थी। पुलिस की जांच में पता चला था कि शव गांव की रहने वाली प्रकाशवती का है। पति की मृत्यु के बाद से वह अलग कमरे में रहती थी। मृतका का बेटा देवेन्द्र कुमार शराब पीने का आदी था और वह अक्सर मां पर जमीन बेचने का दबाव बनाता था। इसी बात को लेकर आए दिन झगड़ा होता रहता था। हालांकि, पति की मृत्यु के बाद ही प्रकाशवती ने जमीन का बंटवारा कर दिया था। जिसमें सात बीघा जमीन बेटे देवेन्द्र को दी थी। लेकिन बेटे ने अपने हिस्से की जमीन बेच डाली थी, वह मां के हिस्से की जमीन बेचना चाहता था। सात जुलाई की रात को शराब के नशे में देवेन्द्र मां के कमरे में गया और वहीं पर गला दबाकर हत्या कर दी। इसके बाद शव को कंधे में लेकर नहर की पटरी पर फेंक आया था। हालांकि, की शव को ले जाते वक्त उसे कुछ लोगों ने देखा था। हत्या का दोषी देवेन्द्र इतना निर्दयी था, कि शव की शिनाख्त न हो पाए इसके लिए उसने पत्थर से चेहरा भी कुचला था। पुलिस के द्वारा आरोपपत्र दाखिल होने के बाद इस मामले की सुनवाई शुरू हुई। मंगलवार को दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने दोषी देवेन्द्र को मां का कत्ल करने पर उम्रकैद की सजा सुनाई। इसके अलावा तीस हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया।
भाभी ने दी अहम गवाही
मां की हत्या के दोषी देवेन्द्र के खिलाफ सबसे अहम गवाही उसकी सगी भाभी सुनीता ने दी थी। उन्होंने बयान दिया कि देवर ने शराब के नशे में गला दबाकर हत्या की है, क्योंकि उनकी सास अपने पोतों को जमीन देना चाहती थीं। इसी बात से देवेन्द्र नाराज रहता था। पहले भी उसने उन्हें मारने की कोशिश की थी। इस मामले में कुल नौ लोगों ने गवाही दी थी। वहीं हत्या का मुकदमा भी परिवार वालों की तरफ नहीं लिखा गया था, बल्कि गांव के चौकीदार की तहरीर पर पुलिस ने मामला दर्ज किया था।