Karwa Chauth 13 अक्टूबर को, क्या है शुभ मुहूर्त, पूजन विधि से लेकर व्रत के नियम तक यहां जानें सबकुछ
Karva Chauth 2022 करवा चौथ को लेकर लोगों में असमंजस की स्थिति है कि इसे 13 अक्टूबर को मनाया जाए या 14 अक्टूबर को। ज्योतिषाचार्य पंडित ऋषिकेश शुक्ल बताएंगे सही तिथि। शुभ मुहूर्त और करवा चौथ वृत का महत्व।
By Samanvay PandeyEdited By: Published: Fri, 07 Oct 2022 01:52 PM (IST)Updated: Fri, 07 Oct 2022 01:52 PM (IST)
Karwa Chauth 2022 : देश की संस्कृति एवं सनातन धर्म में महिलाओं का व्रत करवा चौथ का काफी महत्व है। जो कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मानया जाता है। सुहागिन महिलाओं के लिए यह व्रत बहुत महत्वपूर्ण होता है। इस बार यह व्रत 13 अक्टूबर को पड़ रहा है।
करवा चौथ व्रत के नियम
- यह व्रत सूर्योदय से पहले शुरू करके चंद्रमा निकलने तक रखना चाहिए और चंद्रमा के दर्शन के पश्चात ही इसे समाप्त किया जाता है।
- शाम के समय चंद्रोदय से 1 घंटा पूर्व सम्पूर्ण शिव-परिवार की पूजा की जाती है।
- पूजा के समय देव-प्रतिमा का मुख पश्चिम की तरफ होना चाहिए तथा स्त्री को पूर्व की तरफ मुख करके बैठना चाहिए।
पूजा का शुभ मुहूर्त
- 13 अक्टूबर 2022 को शाम 06 बजकर 05 मिनट से रात 07 बजकर 28 मिनट तक।
- चंद्रोदय समय - 13 अक्टूबर रात 08 बजकर 16 मिनट पर
- अमृत काल मुहूर्त- शाम 04 बजकर 08 मिनट से लेकर शाम 05 बजकर 50 मिनट तक
करवा चौथ व्रत की पूजा-विधि
- सूर्योदय से पहले स्नान आदि करके पूजा घर की सफ़ाई करें। भगवान की पूजा करके निर्जला व्रत का संकल्प लें।
- यह व्रत उनको संध्या में सूरज अस्त होने के बाद चन्द्रमा के दर्शन करके ही खोलना चाहिए और बीच में जल भी नहीं पीना चाहिए।
- सन्ध्या के समय एक प्रधान वेदी पर सभी देवताओं की स्थापना करें। इसमें दो करवा रखेंं एक मिट्टी का एक पीतल धातु का रखें।
- पूजन-सामग्री में धूप, दीप, चन्दन, रोली, सिन्दूर ,दूर्वा, पान का पत्ता, यज्ञोपवीत एवं संपूर्ण श्रंगार का सामान आदि थाली में रखें। दीपक में पर्याप्त मात्रा में घी रहना चाहिए, जिससे वह पूरे समय तक जलता रहे।
- चन्द्रमा निकलने से लगभग एक घंटे पूर्व पूजा शुरू की जानी चाहिए।
- यदि परिवार की सभी महिलाएंं साथ पूजा करें तो बहुत शुभ एवं मंगलमय होता है।
- पूजा के दौरान करवा चौथ व्रत कथा सुनें या सुनाएंं शुभकारी रहेगा।
- चन्द्र दर्शन छलनी के द्वारा किया जाना चाहिए और दर्शन के समय अर्घ् के साथ चन्द्रमा की पूजा करनी चाहिए।
- चन्द्रमा दर्शन के बाद पुत्र वधू अपनी सास को थाली में सजाकर मिष्ठान, फल, मेवे, आदि देकर उनका आशीर्वाद ले और सास उसे अखंड सौभाग्यवती होने का आशीर्वाद दे।
सिद्धि योग में पड़ रहा करवा चौथ व्रत
ज्योतिषाचार्य पं ऋषिकेश शुक्ल ने बताया की करवा चौथ 2022 गुरुवार के दिन कृत्तिका नक्षत्र और सिद्धि योग में पड़ने से बहुत ही महत्वपूर्ण हो गया है। इस दिन विवाहित स्त्रियांं अपने पति की दीर्घायु के लिए व्रत रखती हैं। साथ ही अविवाहित कन्याएं अच्छे वर की कामना से भी करवा चौथ व्रत रखती हैं।
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