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Make small Strong : करन ने टेंपटेशन फूड को पश्चिम उप्र में बनाया बेकरी व मिठाई का ब्रांड

बेकरी एवं मिठाई के पश्चिम उप्र के बड़े कारोबारी करन वीर सिंंह में कठिन परिश्रम करने की शक्ति है। उन्होंने स्कूल-कालेज से नहीं सामाजिक बनकर लर्निंग प्रोसेस से बिजनेस करना सीखा। नतीजा सामने है कि पउप्र में 21 बेकरी एवं मिठाई की शाखाएं खोलकर टेंपटेशन को ब्रांड बना दिया है।

By Abhishek PandeyEdited By: Published: Mon, 19 Oct 2020 12:30 AM (IST)Updated: Mon, 19 Oct 2020 05:58 PM (IST)
Make small Strong : करन ने टेंपटेशन फूड को पश्चिम उप्र में बनाया बेकरी व मिठाई का ब्रांड
सिविल लाइन स्थित टेंपटेशन बेकरी फूड का शोरूम

मुरादाबाद, जेएनएन। बेकरी एवं मिठाई के पश्चिम उप्र के बड़े कारोबारी करन वीर सिंंह में कठिन परिश्रम करने की शक्ति है। उन्होंने स्कूल-कालेज से नहीं सामाजिक बनकर लर्निंग प्रोसेस से बिजनेस करना सीखा। नतीजा सामने है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 21 बेकरी एवं मिठाई की शाखाएं खोलकर टेंपटेशन फूड को ब्रांड बना दिया है। मुरादाबाद में ही 13 शाखाएं हैं। सबसे पहले सिविल लाइंस स्थित पीलीकोठी पर टेंपटेशन फूड के नाम से बेकरी व मिठाई का कारोबार उच्च गुणवत्ता व स्वाद के साथ शुरू किया। विभिन्न वैरायटी, बेहतर रखरखाव के साथ मिठाई व बेकरी के आइटम का स्वाद लोगों की जीभ पर ऐसे चढ़ा कि कारोबार बढ़ता गया।

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मधुबनी निवासी करनवीर कहते हैं कि लर्निंग एजुकेशन से लाइफ के आखिरी पल तक सीखने को मिलता है।

करनवीर ने हिन्दू कालेज से 1985 में स्नातक किया। 35 सालों से लॉन टेनिस खेलते आ रहे हैं। वर्ष 2007 में उन्होंने अपने दो पार्टनर मुकेश त्यागी व नीरज विश्नोई के साथ बेकरी व मिठाई का बिजनेस करने के बारे में सोचा। 12 साल बाद भी करनवीर के कौशल, सीखने की कला व सामाजिक दायरे ने ग्राहकों का भरोसा जीता। अपने दोनों पार्टनर का भरपूर सहयोग मिलने से टेंपटेशन फूड में वह सब चीजें हैं जो दुनिया की बेकरी में मिलती हैं। करनवीर के पिता रेलवे में फायरमैन थे। करनवीर कहते हैं कि मेरा वर्किंग स्टाइल वही है जो 12 साल पहले था, हर रोज नया सीखने की कोशिश ने आगे बढ़ाया।

एक साल पहले नोएडा में खुला टेंपटेशन फूड

साल भर पहले नोएडा में भी टेंपटेशन फूड की शाखा खोली है। मुरादाबाद के अलावा बरेली, रामपुर, सम्भल, बिजनौर, गाजियाबाद व नोएडा में 21 शाखाएं हैं। सभी जगह मिलाकर करीब 400 कर्मचारी काम करते हैं। वह निश्शुल्क रूप से बेकरी का कोर्स भी कराते हैं। तीन महीने सिखाने के बाद अपने यहां ही वेतन पर नौकरी देते हैं।

कोरोना काल में खड़े रहे कर्मियों के साथ

करनवीर कहते हैं वह कोरोना जैसी ग्लोबल त्रासदी को एक अवसर मानते हैं। इसने बहुत कुछ सिखाया। बिना वेतन, गाड़ी और संसाधन के रहना सिखा दिया है। यही ब्राइट फ्यूचर ऑफ इंडिया है। मैं कर्मियों को नौकर नहीं अपना मानता हूं। उनकी के सहयोग से बिजनेस बढ़ा है। 


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