10 करोड़ बकाया लोन पर कानपुर की टीम ने सील की एक्सपोर्ट फर्म Moradabad News
कानपुर की एक जमीन को कब्जे में लिया था। इसके बाद 2014 में जिलाधिकारी मुरादाबाद ने पंडित नगला स्थित एक्सपोर्ट फर्म को सील करने का आदेश दिया था।
जागरण संवाददाता, मुरादाबाद : दस करोड़ रुपये के लोन नहीं चुकाए जाने पर बुधवार को केनरा बैंक कानपुर की टीम ने पंडित नगला स्थित लसाले प्रोडक्ट इंडिया एक्सपोर्ट फर्म को सील कर दिया। यह कार्रवाई जिलाधिकारी के आदेश पर कानपुर की टीम ने की। टीम की ओर से आए अधिकारियों ने बताया कि फर्म पर 2010 से लोन बकाए का मामला चल रहा था। 2014 में जिलाधिकारी ने सरफेसी एक्ट के तहत संपत्ति को कब्जे में लेने का आदेश दिया था, उसी के तहत यह कार्रवाई की गई है।
2003-04 में लखनऊ की केनरा बैंक से करीब दस करोड़ का लोन लसाले प्रोडक्ट इंडिया फर्म के नाम पर लिया गया। इस फर्म ने गारंटी के तौर पर कानपुर व मुरादाबाद की दो जमीनों के कागज जमा कराए लेकिन, समय पर लोन न चुकता करने पर बैंक ने 2010 में सरफेसी एक्ट के तहत फर्म पर मुकदमा दायर कर दिया। इस मुकदमे के तहत पूर्व में कानपुर की एक जमीन को कब्जे में लिया था। इसके बाद 2014 में जिलाधिकारी मुरादाबाद ने पंडित नगला स्थित एक्सपोर्ट फर्म को सील करने का आदेश दिया था।
जमीन पर चल रही है दूसरी फर्म :
जिस फर्म के नाम पर लोन कराया गया था, वह अब गारंटी के तौर पर रखी गई जमीन पर है ही नहीं। इस जमीन पर दूसरी फर्म वर्तमान में संचालित है। सूत्रों के मुताबिक लोन के बाद भी चार बार यह जमीन बिक चुकी है। इससे इसकी मालकियत बदलती गई। बुधवार को फर्म को खाली कराकर केनरा बैंक की टीम ने एसीएम राजेश कुमार के नेतृत्व में इसे सील कर दिया।
एसीएम प्रथम राजेश कुमार ने कहा कि 2014 में सरफेसी एक्ट पर सुनवाई करते हुए जिलाधिकारी ने फैक्ट्री सील करने आदेश दिए थे। इसके अनुपालन में एक्सपोर्ट फर्म को सील कराया गया है।
फर्म संचालक अब्दे इलाही ने कहा कि यह हमारे साथ ज्यादती है। हम इस जमीन पर 16 साल से काम कर रहे हैं, हमने जब जमीन खरीदी थी वह पूरी तरह से लोन से मुक्त थी। हमारे पास पूरे कागज हैं, बैंक की ओर से कोई नोटिस भी नहीं दिया गया।