Coronavirus : रामपुर में बाजार में जूस पीता मिला होम क्वारंटाइन किया गया युवक Rampur News
लॉकडाउन में बाहर से आने वाले कुछ प्रवासी होम क्वारंटाइन को गंभीरता से नहीं ले रहे। इसका खामियाजा संपर्क में आए लोगों को भी उठाना पड़ सकता है। रामपुर में ऐसा ही मामला सामने आया।
रामपुर, जेएनएन। लॉकडाउन में बाहर से आने वाले कुछ प्रवासी होम क्वारंटाइन को गंभीरता से नहीं ले रहे। वे घर में रहने के बजाय बाहर घूम रहे हैं और दूसरों के लिए भी खतरा बन रहे हैं। प्रशासन ऐसे लोगों पर सख्ती कर रहा है। बुधवार को एक होम क्वारंटाइन युवक बाजार में घुमते मिला। उसके खिलाफ अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. राकेश चंद्रा की ओर से शहर कोतवाली में मुकदमा कराया गया है।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी की ड्यूटी बाहर से आने वाले प्रवासी लोगों के स्वास्थ्य परीक्षण में लगी है। उन्होंने बताया कि शहर के मुहल्ला चिरान का मुहम्मद शफीक पुत्र मुहम्मद हनीफ लुधियाना में नौकरी करता था। वह 22 मई को लुधियाना से लौटा। उसका स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। इसके बाद 21 दिन के लिए होम क्वांरटाइन की सलाह देकर भेज दिया, लेकिन वह घर में रहने के बजाय बाहर घूम रहा था। उसे बाजार में बापू मॉल के पास जूस पीते हुए किसी ने देख लिया और प्रशासनिक अधिकारियों को इसकी जानकारी दी। अधिकारियों ने उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए। शहर कोतवाल जसपाल ¨सह ग्वाल ने बताया कि मुहम्मद शफीक के खिलाफ महामारी अधिनियम और धारा 144 के उल्लंघन की धारा में मुकदमा दर्ज किया गया है।
शासन ने बढ़ाई पैरोल पर घर आए कैदियों की समय अवधि
देश में कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए प्रदेश सरकार ने जेलों में बंद कैदियों को आठ सप्ताह के पैरोल पर छोड़ दिया है। कोरोना के मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए शासन ने अब तय किया है कि इन कैदियों की पैरोल अवधि को और बढ़ाया जाए। इसका लाभ जिले के 36 कैदियों को मिलेगा। ये कैदी सात साल से कम सजा वाले हैं, जो पैरोल पर छोड़ दिए गए हैं। कोरोना वायरस से बचाव के लिए देश भर में लॉकडाउन किया गया है। लोगों को अपने घरों में रहने के लिए कहा गया है। इसके अलावा जरूरी काम से बाहर जाने पर शारीरिक दूरी का पालन करना अनिवार्य है, लेकिन जेलों में इन नियमों का पालन कराना मुश्किल हो रहा था, क्योंकि जेलों में पहले ही क्षमता से अधिक बंदी हैं। रामपुर जिला कारागार की क्षमता भी 450 बंदियों की है, लेकिन यहां दोगुना बंदी हैं। जेल अधीक्षक पीडी सलौनिया ने बताया कि यहां से अब तक 370 बंदियों को पैरोल पर छोड़ा जा चुका है। इसमें 334 विचाराधीन बंदी हैं, जबकि 36 कैदी हैं। अभी कोरोना का खतरा टला नहीं है। इस पर प्रदेश सरकार ने कैदियों की पैरोल अवधि बढ़ाने का आदेश दिया है। यह आदेश सभी जिलों के लिए हैं। यहां आदेश मिल गया है। इसके मुताबिक 36 कैदियों की पैरोल अवधि अब आठ सप्ताह के लिए और बढ़ा दी है। विचाराधीन बंदियों की पैरोल अवधि बढ़ाई जाएगी या नहीं, इस पर स्थानीय अदालत से निर्णय होगा।