Jalendra Murder Case : बीमा की एक करोड़ 66 लाख की रकम हड़पने के लिए कर दी थी दोस्त की हत्या
Jalendra Murder Case सुपरवाइजर की हत्या के मामले में पुलिस ने चार आरोपितों को गिरफ्तार कर घटना का पर्दाफाश किया। हत्या को सड़क दुर्घटना का रूप देने के लिए सुपरवाइजर को सड़क पर लिटाकर तीन बार बुलेरो गाड़ी चढ़ा दी थी।
मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। पाकबड़ा थाना क्षेत्र में सुपरवाइजर की हत्या के मामले में पुलिस ने चार आरोपितों को गिरफ्तार कर घटना का पर्दाफाश किया। पुलिस के अनुसार बीमा की एक करोड़ 66 लाख रुपये की रकम हड़पने के लिए दोस्त ने ही हत्या की साजिश रची थी। हत्या को सड़क हादसा दर्शाने के लिए घायल सुपरवाइजर के ऊपर तीन बार कार चढ़ा दी थी। पुलिस ने चार आरोपितों को गिरफ्तार कर हत्याकांड का पर्दाफाश किया। गिरफ्तार चारों आरोपितों में अमरोहा के रहने वाले दो सगे भाई हैं, जबकि दो सम्भल के हैं। मुख्य आरोपित अपहरण के पुराने में मामले कोर्ट में सरेंडर कर जेल जा चुका है।
पुलिस लाइन में एसएसपी बबलू कुमार ने बताया कि पाकबड़ा के ग्रोथ सेंटर स्थित एक्सपोर्ट फर्म में जालेंद्र सिंह सुपरवाइजर के पद पर कार्यरत था। वह मूलरूप से सम्भल के असमोली गांव के यादव धर्मशाला का निवासी था। पाकबड़ा में पत्नी और बच्चों के साथ किराए का कमरा लेकर रहता था। आठ सितंबर को बकैनिया गांव के पास जालेंद्र की हत्या करके शव फेंक दिया गया था। जांच में पाकबड़ा थाना पुलिस के साथ एसओजी टीम जुटी थी। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर वाहनों की पहचान की गई। इसके बाद पुलिस ने चार आरोपितों को गिरफ्तार किया। आरोपित वीर सिंह उर्फ बिट्टू व पुष्पेंद्र सिंह निवासी कुड़ेमाफी थाना नौगावां सादात अमरोहा सगे भाई हैं। इनके साथ ही राजीव चौहान निवासी ताहरपुर थाना हसनपुर अमरोहा, इंद्रपाल उर्फ करन सिंह निवासी चकौरी थाना हसनपुर अमरोहा को गिरफ्तार किया गया। पुलिस की पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि मृतक जालेंद्र सिंह की राजीव कुमार निवासी असमोली जनपद सम्भल से दोस्ती थी। दोनों एक ही मुहल्ले के रहने वाले थे। आरोपित राजीव ने इस हत्याकांड की साजिश रची थी। उसने जालेंद्र सिंह का तीन अलग-अलग बीमा किया था। जिसमें बीमा की धनराशि एक करोड़ 66 लाख 22 हजार रुपये थी। इसी धनराशि को हड़पने के लिए उसने सुपरवाइजर की हत्या करने का प्लान तैयार किया था।
हत्या को हादसे में बदलने के लिए घायल पर चढ़ा दी कार : इस हत्याकांड को अंजाम देने के लिए सबसे पहले राजीव कुमार ने अपने साथी वीर सिंह उर्फ बिट्टू व राजीव चौहान को तीन लाख रुपये का लालच देकर हत्या करने के लिए तैयार किया था। इस काम को अंजाम देने के लिए वीर सिंह उर्फ बिट्टू ने अपने भाई पुष्पेंद्र को भी शामिल कर लिया था। आठ सितंबर को राजीव कुमार ने रविशंकर सिंह को फोन करके हरिद्वार जाने के लिए बुलेरो गाड़ी बुक की थी। दोनों की पहले से जान-पहचान थी, इसलिए राजीव खुद ही कार चलाकर ले गया था। पांचों आरोपित गाड़ी में सवार होकर बकैनिया गांव के पास पहुंच गए थे। स्कूटी पर सवार होकर फैक्ट्री से घर लौट रहे जालेंद्र को रास्ते में ही रोक लिया। इसके बाद राजीव कुमार ने जालेंद्र को गाड़ी की आगे की सीट पर बैठा लिया। पीछे की सीट पर वीर सिंह उर्फ बिट्टू व मुख्य आरोपित राजीव कुमार बैठ गया। जालेंद्र की स्कूटी लेकर इंद्रपाल सिंह उर्फ करन सिंह गाड़ी के पीछे चलने लगा। गाड़ी में बैठकर सभी शराब पीने लगे। राजीव कुमार ने जालेंद्र सिंह से बीमा के दस्तावेज में हस्ताक्षर करने के लिए दबाव बनाया। जालेंद्र ने हस्ताक्षर करने से इन्कार कर दिया, तो राजीव कुमार ने ईंट तोड़ने वाली बसूली से उसके सिर पर ताबड़तोड़ वार किए। इसके बाद हत्या को सड़क दुर्घटना का रूप देने के लिए जालेंद्र को सड़क पर लिटाकर तीन बार बुलेरो गाड़ी चढ़ा दी। शव के पास स्कूटी छोड़कर भाग निकले। एसएसपी ने बताया कि मुख्य आरोपित राजीव कुमार अपहरण के पुराने मामले में 20 सितंबर को कोर्ट में सरेंडर करके जेल चला गया था। इस दौरान एसपी सिटी अमित कुमार आनंद, एसओजी प्रभारी अजयपाल सिंह, पाकबड़ा थाना प्रभारी योगेन्द्र कृष्ण यादव मौजूद रहे।