अरबों की संपत्ति के बंटवारे में लग गए 45 साल, जानिए क्या है पूरा मामला Rampur News
जिला जज की कोर्ट ने फैसला सुनाया तो दूसरा पक्ष हाईकोर्ट चला गया। वहां से सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया। सुप्रीम कोर्ट ने इसी साल अगस्त में फैसला सुनाया।
रामपुर (मुस्लेमीन)। नवाब खानदान की रामपुर में अरबों रुपये की संपत्ति है। इसे लेकर परिवार में लंबे समय से विवाद चल रहा है। मुकदमेबाजी में 45 साल गुजर गए। नवाब मुर्तजा अली खां और नवाब जुल्फिकार अली खां उर्फ मिक्की मियां मुकदमा लड़ते-लड़ते दुनिया को अलविदा कह गए। सर्वोच्च अदालत के आदेश पर बंटवारा इस्लामी शरीयत के हिसाब से होगा, ङ्क्षकतु यह बंटवारा जिला जज को करना है, जिसे तय करने के लिए भी सवा साल का वक्त दिया गया है।
ये है पूरा मामला
नवाब खानदान में बंटवारे को लेकर 1974 में मुकदमेबाजी शुरू हुई थी। नवाब रजा अली खां की मौत के बाद उनके बड़े बेटे नवाब मुर्तजा अली खां ही संपत्ति पर काबिज हो गए थे। इसे लेकर रजा अली खां के छोटे बेटे मिक्की मियां और अन्य बेटों व बेटियों ने मुंसिफ कोर्ट में मुकदमा दायर कर दिया। इन लोगों का कहना था कि उन्हे शरीयत के हिसाब से संपत्ति बांटी जाए, जबकि मुर्तजा अली खां की ओर से तर्क दिया गया कि राजघरानों के कानून के मुताबिक राजा का बड़ा बेटा ही संपत्ति का मालिक होता है। इसको लेकर शुरू हुआ विवाद लंबे समय तक चलता रहा। कई साल बाद मुंसिफ कोर्ट में मुकदमा तय हुआ। इसके बाद जिला जज के यहां पहुंच गया।
संपत्ति के 16 दावेदार
इस मुकदमे में मिक्की मियां की मौत के बाद उनके बेटे नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां ने पैरवी की। उनके वकील संदीप सक्सेना बताते हैं कि इस्लामी शरीयत के हिसाब से संपत्ति का बंटवारा किया जाए। इसके लिए जिला एवं सत्र न्यायाधीश को दिसंबर 2020 तक का समय दिया गया है। जिला जज ने बंटवारे की प्रक्रिया शुरू कर दी है। नवाब खानदान की खासबाग, लक्खी बाग, बेनजीर बाग और नवाब रेलवे स्टेशन आदि मुख्य संपत्तियां हैं। इनके अलावा गहने व शस्त्र आदि बहुमूल्य सामान है। इस सबका बंटवारा होना है। यह संपत्ति स्वर्गीय मुर्तजा अली खां की बेटी निखत बी, बेटे मुराद मियां और दूसरे पक्ष के स्वर्गीय मिक्की मियां की पत्नी पूर्व सांसद बेगम नूरबानो, उनके बेटे नवेद मियां और बेटियों समेत कुल 16 लोगों में बंटनी हैं।