Move to Jagran APP

एक वोट से हारने वाली इरशाद चार साल बाद बनीं ग्राम फंदेड़ी की प्रधान

मंडी धनौरा की ग्राम पंचायत फंदेड़ी की पुनर्मतगणना का उपजिलाधिकारी न्यायालय ने परिणाम घोषित किया है।

By Narendra KumarEdited By: Published: Thu, 25 Apr 2019 01:47 PM (IST)Updated: Thu, 25 Apr 2019 05:14 PM (IST)
एक वोट से हारने वाली इरशाद चार साल बाद बनीं ग्राम फंदेड़ी की प्रधान
एक वोट से हारने वाली इरशाद चार साल बाद बनीं ग्राम फंदेड़ी की प्रधान

अमरोहा, जेएनएन। मंडी धनौरा की ग्राम पंचायत फंदेड़ी की पुनर्मतगणना का उपजिलाधिकारी न्यायालय ने परिणाम घोषित किया है। चार वर्ष पूर्व एक वोट से हारने वाली इरशाद फातिमा को सात वोट से विजयी घोषित किया गया है। जिस पर विपक्षी खेमे में मायूसी छाई हुई है। वहीं इरशाद समर्थकों में खुशी की लहर है। उन्होंने मिठाई का वितरण कर हर्ष का इजहार किया।

loksabha election banner

ये है पूरा मामला

वर्ष 2015 में हुए ग्राम पंचायत चुनाव में जीनत फातिमा ने विपक्षी इरशाद फातिमा को एक वोट से हरा कर ग्राम प्रधान पद पर कब्जा जमाया था। इरशाद ने मतगणना में धांधली का आरोप लगाते हुए उपजिलाधिकारी न्यायालय में याचिका दायर की थी। पिछले माह उपजिलाधिकारी न्यायालय ने मामले की सुनवाई करते हुए पुनर्मतगणना के आदेश दिए थे। 

18 फरवरी को हुई थी पुनर्मतगणना

इसके बाद उपजिलाधिकारी न्यायालय परिसर में 18 फरवरी को दोनों पक्षों की मौजूदगी में पुनर्मतगणना कराई गई थी। जीनत फातिमा पक्ष ने हाईकोर्ट की शरण ली थी। उच्च न्यायालय ने अग्रिम सुनवाई तक पुनर्मतगणना का परिणाम घोषित करने पर रोक लगा दी थी। जिस कारण परिणाम घोषित नहीं हो पाया था। उच्च न्यायलय से हरी झंडी मिलने के बाद बुधवार को परिणाम घोषित किया गया। 

इतने मिले थे वोट

इरशाद फातिमा को कुल 988 व विरोधी वर्तमान प्रधान जीनत को 981 वोट मिले थे। इरशाद फातिमा सात वोट से विजयी घोषित की गई। चार साल पूर्व एक वोट से हारने वाली इरशाद पक्ष के समर्थकों में एसडीएम कोर्ट के निर्णय के बाद हर्ष का माहौल है। वहीं जीनत पक्ष में मायूसी छाई हुई है। वहीं आदेश की प्रति जिला पंचायत राज अधिकारी को भेजी गई है।

चार साल बाद मिला न्याय

आखिरकार इरशाद को न्याय मिल ही गया। ग्राम पंचायत फंदेड़ी सादात की मतगणना के दौरान एक वोट से हारने वाली इरशाद पिछले कुछ समय से लगातार मतगणना में धांधली किए जाने का आरोप लगा रही थीं। उन्होंने न्याय की आस में एसडीएम न्यायालय में पुनर्मतगणना के लिए याचिका दायर की थी। उस पर सुनवाई हुई व एक वोट से हारने वाली इरशाद आखिरकार सात वोट से विजयी घोषित हुई। उन्होंने बताया कि कोर्ट से उन्हें न्याय मिला है। उन्हें वर्ष 2015 में जानबूझ कर हराया गया था। पुनर्मतगणना के बाद दूध का दूध पानी का पानी हो गया। कोर्ट के निर्णय से वह संतुष्ट है।

भेजी गई आदेश की प्रति

पुनर्मतगणना के बाद इरशाद सात वोट से विजयी घोषित हुई हैं। इरशाद को 988 व जीनत को 981 वोट मिले हैं। इस संबंध में आदेश की एक प्रति जिला पंचायत राज अधिकारी को भी भेजी गई है।

संजय कुमार बंसल, उपजिलाधिकारी मंडी धनौरा

सात वोटों से मिली जीत

उपजिलाधिकारी न्यायालय ने इरशाद को सात वोट से विजयी घोषित किया है। वह इस निर्णय के खिलाफ ऊपरी अदालत की शरण में जाएंगी। इसके लिए विधिक सलाह मशवरा किया जा रहा है। 

जीनत फातिमा, पूर्व प्रधान फंदेडी सादात 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.