अंतराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिबंधित दवाओं का जखीरा मिला मुरादाबाद में
मुरादाबाद के ठाकुरद्वारा में छापेमारी के दौरान पकड़ी गईं दवाओं में अंतराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिबंधित दवाएं भी शामिल हैं। इनका प्रयोग आतंकवादी भी करते हैं।
मुरादाबाद, जेएनएन। आंतकी व खूंखार अपराधियों के पास मिलने वाली दवाइयों का जखीरा ठाकुरद्वारा में छापेमारी के दौरान स्वास्थ्य टीम को मिला है। यह दवाएं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिबंधित की गई हैं। बरामद प्रतिबंधित दवाओं में जहरखुरानी गिरोह के द्वारा उपयोग की जाने वाली दवा भी शामिल हैं। स्वास्थ्य टीम ने बुधवार को ठाकुरद्वारा में छापामार कर दो गोदाम से 15 लाख रुपये के अधिक कीमत की प्रतिबंधित नकली दवाइयां सीज की है।
आतंकी व जहरखुरानी गिरोह करता है दवाओं का प्रयोग
बरामद दवाओं में ट्रामा डोल हाईड्रो क्लोराइड सॉल्ट से निर्मित एक लाख से अधिक कैप्सूल शामिल हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस साल्ट से निर्मित पर प्रतिबंध है। कैंसर विशेषज्ञ व किडनी विशेषज्ञ चिकित्सक के पर्चा पर यह दवा दी जा सकता है। दवा बेचने वाले दुकानदारों को तीन साल तक पर्चा संभाल कर रखने का आदेश है। यही दवा अभी तक मारे गए आंतकी या खूंखार अपराधियों से पास से मिल चुकी हैं। वह इसे शक्तिवद्र्धक के रूप में प्रयोग करते हैं। यही नहीं औषधि विभाग की टीम को तीन लाख इंजेक्शन एविल, डाइजापाम मिले हैं। दोनों इंजेक्शन से नींद आती है। इस इंजेक्शन का रंग सफेद, गंधहीन और स्वादहीन होता है। जहरखुरानी गिरोह यह इंजेक्शन फल बिस्कुट, पेय पदार्थ में आसानी से मिलाते हैं। दवा का अधिक सेवन करने पर व्यक्ति की मौत भी हो जाती है।
दोनों मेडिकल संचालकों को भेजा जेल
दवा के नाम पर नशे का धंधा करने वाले गिरफ्तार दोनों मेडिकल स्टोर के संचालकों को अदालत ने जेल भेज दिया गया। नगर में तिकोनिया बस स्टेंड पर सरताज मेडिकल स्टोर से जावेद अहमद पुत्र सलीम अहमद और कमालपुरी चौराहा पर शिव मेडिकल स्टोर से गिरीराज पुत्र चिरंजी सिंह निवासी मलकपुर सेमली को गिरफ्तार किया था। दोनों मेडिकल स्टोर और ताली स्थित गोदाम से करीब 27 पेटियां नशीली एवं नकली दवाइयां मिली थी। इन पैटियों में कैप्सूल व इंजेक्शन भरे हैं।
सरगना है भोजपुर का अली उर्फ बब्बू
शिव मेडिकल स्वामी गिरीराज ने भोजपुर निवासी मोहम्मद अली उर्फ बब्बू का नाम नशीली दवाई सप्लायर के रूप में लिया है। जांच में सरताज मेडिकल का तो मोहम्मद जावेद और इदरीस अहमद पुत्रगण सलीम अहमद के नाम से 29 जून 2022 तक का होलसेल का वैध लाइसेंस मिला है जबकि शिव मेडिकल स्टोर के लाइसेंस की वैधता 3 अप्रैल 2016 को समाप्त हो गई थी। इसके साथ ही शिव मेडिकल स्टोर स्वामी ने बरामद दवाइयों में नकली दवा होना भी स्वीकार किया है। इनको जांच के लिए राजकीय प्रयोगशाला लखनऊ भेजा गया है।
नकली दवाएं भी मिली हैं छापे में शिव मेडिकल स्टोर पर नशीली ही नहीं बल्कि नकली दवाएं भी मिली हैं। गोदाम से बरामद दवाइयों के डिब्बो पर लेबल नहीं होने पर अफसरों ने मेडिकल संचालक गिरीराज से पूछताछ की। उसने नकली आक्सीटोक्सिन इंजेक्शन बताया। इसके साथ ही आक्सीटोसीन हार्मोन औषधि होने की वजह से 2सी से 8सी तापमान पर रखना अनिवार्य है, जोकि वातावरणीय तापमान से अपमिश्रित पाई गई। इनके नमूने जांच एवं विशलेषण के लिए राजकीय विशलेषण लखनऊ को भेजा गया है।
दवाओं के नमूनों को जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा
औषधि विभाग की टीम ने दवाओं की सीज करने व अन्य गोदाम की तलाश करने का काम किया। औषधि निरीक्षक नरेश दीपक मोहन ने बताया कि छापामारी में मिले सभी दवाओं को सीज कर लिया है। छापामारी में सामान्य बीमारियों में प्रयोग करने वाली दवाइयां नहीं मिली है। जितनी भी दवाइयां मिली है, सभी प्रतिबंधित है। कई दवाओं में नारकोटिक्स का प्रयोग किया गया है। दवा की आपूर्ति करने वाले का पता नहीं चल पाया है। कुल 17 प्रकार की दवाओं को नमूना लिया गया है और राजकीय जन विश्लेषण प्रयोगशाला लखनऊ भेजा है।