Indian Railways : पुराने स्लीपर से बनेंगी मालगोदाम की सड़कें, हैवी ट्रक चलने पर भी नहीं पड़ेगा कोई असर
रेल प्रशासन पुराने स्लीपर को नष्ट करने के बजाय इससे मालगोदाम की जर्जर सड़क बनाने जा रहा है। इस कवायद से भारी ट्रक चलने के बाद भी माल गोदाम की सड़कें नहीं टूटेंगी। डीआरएम ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है।
मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। रेल प्रशासन पुराने स्लीपर को नष्ट करने के बजाय इससे मालगोदाम की जर्जर सड़क बनाने जा रहा है। इस कवायद से भारी ट्रक चलने के बाद भी माल गोदाम की सड़कें नहीं टूटेंगी। डीआरएम ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है।
रेल प्रशासन रेल मार्ग से माल ढुलाई बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। इसके लिए मंडल स्तर पर बिजनेस डवलपमेंट यूनिट का गठन करने के साथ अधिकारी तैनात किए गए हैं। यूनिट के अधिकारी व्यापारियों से संपर्क कर रहे हैं और माल ढुलाई में आने वाली समस्याओं की जानकारी करते हैं। व्यापारियों की सबसे अधिक शिकायत रहती है कि मालगोदाम की सड़कें काफी जर्जर हैं। जिससे मालगोदाम से माल पहुंचाने या लाने में परेशानी होती है। बरसात के मौसम में सड़क तालाब बन जाती है। मालगोदाम में अधिक ट्रक चलने से सड़क टूट जाती है। दूसरी ओर देश भर में पुराने स्लीपर व रेललाइन को बदलने का काम किया जा रहा है। पुराने रेललाइन को स्क्रैप में बेच दिया जाता है। सीमेंट से बने स्लीपर बेकार हो जाते हैं। रेलवे प्रशासन ने पुराने स्लीपर से मालगोदाम की सड़के बनाने जा रहा है। स्लीपर को मालगोदाम की सड़कों पर बिछा दिया जाएगा और उसके सीमेंट का मसाला डालकर बराबर कर दिया जाएगा। स्लीपर काफी मजबूत होता है। भारी ट्रक गुजरने के बाद भी नहीं टूटेगा। मंडल रेल प्रबंधक तरुण प्रकाश ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है। प्रवर मंडल वाणिज्य प्रबंधक रेखा शर्मा ने बताया कि मंडल भर की मालगोदाम की जर्जर सड़क को पुराने स्लीपर द्वारा बनाया जाएगा। लगातार ट्रक चलने के बाद भी सड़क नहीं टूटेगी। रेल प्रशासन को कम खर्च में मबजूबत सड़क का निर्माण कराएगा।
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