Indian Railway : कुली की तर्ज पर श्रमिकों के लिए बनेगा विश्राम कक्ष, भोजन की भी होगी सुविधा
Facilities at Railway parcel warehouse shed निर्माण कराने वाले व्यापारी या कंपनी आय के लिए स्टॉल से शुल्क ले सकते हैं विज्ञापन भी लगा सकते हैं। मुरादाबाद रेल मंडल में मुरादाबाद बरेली रोजा हरदोई हरिद्वार बड़े शेड हैंं।
मुरादाबाद (प्रदीप चौरसिया)। Facilities at Railway parcel warehouse shed। माल उतरने के दौरान अब पार्सल गोदाम शेड से धूल उड़ती नहीं दिखाई देगी। श्रमिकों को पेड़ के छांव में आराम करने की आवश्यकता भी नहीं होगी। व्यापारी या कंपनी शेड को स्टेशन की तरह विकसित कर सकते हैं। रेलवे इनसे कोई लाइसेंस शुल्क नहीं लेगा, विकसित करने वाले व्यापारी स्टॉल आदि के माध्यम से आय भी अर्जित कर सकते हैं। मुरादाबाद रेल मंडल की बिजनेस डेवलपमेंट यूनिट ने इस कार्य के लिए व्यापारियों को आमंत्रित भी किया है।
रेलवे की आय सबसे अधिक माल ढुलाई से होती है। जहां माल लोड किया जाता है या उतारा जाता है, उस पार्सल शेड में सुविधा का घोर अभाव होता है। माल लाने और ले जाने वाले वाहनों के लिए सड़क तक नहीं होती है। वहां काम करने वाले श्रमिकों और व्यापारियों के लिए बैठने तक की सुविधा नहीं होती है। वे पेड़ की छांव में बैठते हैं और पानी दूसरे स्थान से लाकर पीते हैं। खाने के लिए बाजार पर निर्भर रहते हैं। पार्सल के प्लेटफार्म पर टीन शेड नहीं होने से बारिश में माल भींगने का खतरा भी अधिक रहता है। लॉकडाउन के बाद रेलवे ने अधिक से अधिक माल ढुलाई पर जोर दिया और प्रत्येक मंडल पर शक्तिशाली बिजनेस डेवलपमेंट यूनिट का गठन भी किया। इसमें आला अधिकारियों की टीम को रखा गया। इस यूनिट के अधिकारियों ने व्यापारियों, कंपनियों व मालढुलाई में लगे श्रमिकों के साथ बैठक की। उनकी समस्याओं की सूची तैयार कर उसे रेलवे बोर्ड को भेजा।
मंत्रालय ने दी स्वीकृति
रेलव मंत्रालय ने गुड्स शेड को प्लेटफार्म की तर्ज पर सशर्त विकसित करने की स्वीकृति दी है। इसके तहत व्यापारी, कंपनी आदि कुली की तर्ज पर श्रमिकों के विश्राम कक्ष व व्यापारियों के बैठने के लिए कक्ष का भी निर्माण करा सकते हैं।
सीनियर डीसीएम (फ्रेंट) मोनू लूथरा ने बताया कि पार्सल गोदाम शेड को विकसित करने के लिए तीन कंपनियों ने आवेदन किया है। कुछ आवेदन और आने की उम्मीद है। चयन समिति के नियम के बाद शेड को विकसित करने का काम सौंपा जाएगा