प्रेमी के चक्कर में मा ने तोड़ लिया नाता, नन्हा अब्दुल्ला पूछ रहा-मम्मी घर कब आएगी
रामपुर(मुस्लेमीन) : पति को छोड़ प्रेमी के चक्कर में पड़ी महिला के चार बच्चे परेशान हैं। तीन साल
रामपुर(मुस्लेमीन) : पति को छोड़ प्रेमी के चक्कर में पड़ी महिला के चार बच्चे परेशान हैं। तीन साल का मासू्म अब्दुल्ला बार-बार यहीं पूछ रहा है कि मम्मी घर कब आएगी। उसकी बेटिया भी मा को याद कर रुआसी हो जाती हैं। उनके पापा भी बीमार हैं। परिवार के दूसरे लोग ही बच्चों की परवरिश कर रहे हैं। ट्रक चालक की पत्नी प्रेमी के चक्कर में पड़ी काशीराम कालोनी में रहने वाले ट्रक चालक की पत्नी छह माह से प्रेमी के चक्कर में पड़ी है। वह जब चाहे तब उसके साथ चली जाती है। उसके पति को उसकी हरकत का पता चला तो उसने समझाने का प्रयास किया, लेकिन वह नहीं मानी। परिवार और मुहल्लों के लोगों ने भी महिला को समझाने का प्रयास किया, लेकिन वह नहीं मानी। उसके प्रेमी को भी समझाया, लेकिन वह भी उसका साथ छोडऩे को तैयार नहीं हुआ। शरई अदालत पहुंचे मुहल्ले के लोग मुहल्ले के लोग दोनों पक्षों को लेकर शहर की शरई अदालत पहुंचे। काजी और मुफ्ती ने भी दोनों पक्षों को समझाया, लेकिन महिला प्रेमी के साथ रहने की जिद पर अड़ी रही। बोली वह अपने प्रेमी से बहुत मुहब्बत करती है, अगर उसका प्रेमी से निकाह नहीं कराया गया तो वह जान दे देगी। उसने पति से तलाक दिलाने और प्रेमी से निकाह कराने के लिए शरई अदालत में अर्जी भी लगाई। दोनों पक्षों को सुनने के बाद शरई अदालत ने 13 जनवरी को उसे तलाक दिलाने से इन्कार कर दिया। कह दिया कि उसका पति चाहे तो अपनी मर्जी से तलाक दे सकता है। घर जाकर फिर लौट गई वह अपने घर भी गई। मा को देखकर बच्चे खुश हो गए, लेकिन कुछ देर बाद ही वह चली गई। इससे बच्चे फिर मायूस हो गए। उसका तीन साल का बेटा अब्दुल्ला बार-बार यही पूछ रहा है कि मम्मी घर कब आएगी। उसके इस सवाल का सही जवाब कोई नहीं दे पा रहा है। पापा और चाचा समझा देते हैं बेटी जल्दी ही आ जाएगी। उसकी तीन बेटिया भी हैं। इनमें बड़ी बेटी 14 साल की , दूसरी 11 साल की और तीसरी छह साल की है। तीनों बेटी भी मा को लेकर परेशान हैं। पूछने पर रुआसी हो जाती हैं और कुछ नहीं बोलतीं। पुलिस से नहीं मिला इंसाफ महिला का पति आसिफ इस पूरे घटनाक्त्रम से बेहद परेशान है। वह बीमार है। किडनी और लीवर में खराबी है। पत्नी की हरकत से वह टूट चुका है। इंसाफ के लिए पुलिस के पास भी गया। पूरी बात लिखकर तहरीर दी, लेकिन पुलिस ने कोई मदद नहीं की, बल्कि खिल्ली उड़ाई कि तुझसे अपनी पत्नी भी नहीं रुक रही। रुआसा होकर बोला, साहब हम गरीब हैं, इंसाफ कौन करेगा। अगर किसी बड़े परिवार की महिला को इस तरह कोई ले जाता तो शहर में वबाल हो जाता, यहीं पुलिस रात दिन उसकी तलाश में जुट जाती और आरोपी को जेल में डाल देती, लेकिन हम गरीब हैं, इसलिए हमारी कोई नहीं सुन रहा। मीडिया में खबरे आने के बाद भी पुलिस ने कोई मदद नहीं की है। पुलिस सिर्फ पैसे वालों और ताकतवर लोगों की सुनती है।