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रामपुर में भीड़ ने शव को सड़क पर रखकर लगाया जाम

मांग थी कि कोतवाली प्रभारी व चौकी इंचार्ज को तुरंत निलंबित किया जाए। इसके साथ ही उनके पक्ष के युवक को चरस में जेल भेजने के मामले की जांच भी की जाए। भीड़ के तेवर देख पुलिस प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए। कई थानों की पुलिस बुला ली गई।

By Narendra KumarEdited By: Published: Sat, 26 Sep 2020 10:33 PM (IST)Updated: Sat, 26 Sep 2020 10:33 PM (IST)
रामपुर में भीड़ ने शव को सड़क पर रखकर लगाया जाम
रामपुर में भीड़ ने शव को सड़क पर रखकर लगाया जाम।

रामपुर, जेएनएन। टांडा में चुनावी रंजिश को लेकर हुए झगड़े में घायल की मौत हो जाने पर गुस्साई भीड़ ने शव सड़क पर रखकर जाम लगा दिया। पुलिस पर आरोपित पक्ष से साठगांठ का आरोप लगाया। वे आरोपितों के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज करने तथा कोतवाल व चौकी प्रभारी को निलंबित करने की मांग कर रहे थे। सूचना पर एडीएम व एएसपी मौके पर पहुंचे। उन्होंने मामले की जांच कर सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया तब जाकर लोग शांत हुए। गांव लालपुर में प्रधान हारून व उसके विरोधी प्रधान पद के संभावित प्रत्याशी शौकत अली में काफी समय से चुनावी रंजिश चल रही है।

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बुधवार की शाम शौकत पक्ष के सद्दीक व हारून पक्ष के शाहिद में किसी बात को लेकर झगड़ा हो गया था। बाद में मामला शांत हो गया था। गुरुवार की शाम फिर से उसी बात को लेकर मारपीट हो गई, जिसमें वृद्ध सद्दीक घायल हो गए थे। पुलिस ने सद्दीक की ओर से गांव के शाहिद, आसिफ, महबूब, व उवैस के खिलाफ एनसीआर दर्ज की थी। लेकिन, शुक्रवार को जिला अस्पताल में उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई। इस पर गांव में तनाव फैल गया। हालात की गंभीरता को देखते हुए वहां पुलिसकर्मियों की तैनाती कर दी गई थी। पुलिस ने एनसीआर को गैर इरादतन हत्या में परिवर्तित कर दिया था। लेकिन, स्वजन इससे संतुष्ट नहीं थे। शुक्रवार की शाम शव जब घर लाया गया तो उन्होंने उसको दफन करने से इन्कार कर दिया। पुलिस के समझाने पर भी वे लोग नहीं माने। शनिवार की सुबह आक्रोशित स्वजन व ग्रामीण शव को लेकर लालपुर-सैदनगर मार्ग पर आए और उसे सड़क पर रखकर जाम लगा दिया। वे तपती धूप में काफी देर वहां बैठे रहे। इस दौरान सड़क के दोनों ओर वाहनों की कतार लग गईं। बाद में वाहन चालक दूसरे रास्ते से होकर निकल गए। भीड़ के तेवर देख दुकानदारों ने बंद कीं दुकानेंएसडीएम अभय कुमार पांडेय व सीओ धर्म सिंह मार्छाल वहां पहुंचे और सबको समझाया पर वे नहीं माने। उनकी मांग थी कि मामला गैरइरादतन हत्या के बजाय हत्या में तरमीम किया जाए। दुकानदार दुकानें बंद कर चले गए। इधर प्रशासन लगातार उन्हें समझाने का प्रयास करता रहा। दोपहर एक बजे पहुंचे एडीएम जगदंबा प्रसाद गुप्ता व एएसपी अरुण कुमार सिंह वहां पहुंचे। उन्होंने पहले तो सबको समझाया। लेकिन, कोई मानने को तैयार नहीं था। इस पर काफी देर तक नोकझोंक भी हुई। बाद में एडीएम व एएसपी ने आश्वासन दिया कि मामले की दूसरे अधिकारियों से जांच करवा कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, तब जाकर वे शांत हुए।


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