मुरादाबाद में जानलेवा बुखार व डायरिया ने पसारे पैर
मुरादबाद (जेएनएन) : बाढ़ के बाद बीमारी फैलने से हालात बेकाबू होते जा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की
मुरादबाद (जेएनएन) : बाढ़ के बाद बीमारी फैलने से हालात बेकाबू होते जा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही की वजह से मूंढापाडे में मंगलवार को बुखार से दो लोगों की मौत हो गई, जबकि मुरादाबाद में डायरिया से एक बच्चे की जान चली गई। लेकिन अधिकारियों की नींद नहीं टूटी है। गाव में सफाई नहीं हुई और न ही दवा का वितरण किया गया है। मूंढापाडे के गाव हृदयपुर में 70 वर्षीय हुनरवती पत्नी रामरतन, 40 वर्षीय सर्वेश पत्नी अरमान सिंह की दिमागी बुखार से मौत हो गई। रविवार को 11 वर्षीय अंशुल पुत्री विपिन की मौत हो चुकी है। गाव में दो दर्जन से ज्यादा लोग बुखार की चपेट में हैं। मूंढापाडे स्वास्थ्य केंद्र में भी शिविर नहीं लगाया गया है। बाढ़ चौकी 13 सितंबर को हटाने के बाद प्रशासनिक और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कोई सुध नहीं ली है। दवा का भी कोई बंदोबस्त नहीं किया गया। प्रधान राजबहादुर सिंह का कहना है कि स्वास्थ्य अधिकारियों ने दो दिन बाद भी शिविर नहीं लगाया। मासूम की हुई मौत मंगलवार को मुहल्ला डहरिया निवासी नदीम खा के दो वर्षीय बेटे अली मुहम्मद की मौत हो गई। वो पिछले दो दिन से जिला अस्पताल में भर्ती था। हालत गंभीर होने पर चिकित्सकों ने उसे हायर सेंटर के लिए रेफर कर दिया। जहा ले जाते समय उसकी मौत हो गई।
एडिशनल सीएमओ डॉ. दिनेश कुमार प्रेमी ने बताया कि गाव में बुखार के लिए टीम को भेजा गया था। इसके अलावा मूंढापाडे स्वास्थ्य केंद्र से भी दवा वितरित कराई जा रही है। बुजुर्ग की जान ली बुखार ने कुंदरकी में वायरल बुखार की चपेट में आने से मंगलवार को किसान की उपचार के दौरान मौत हो गई। बुखार से किसान की मौत होने से ग्रामीणों में दहशत फैल गई है।
इन दिनों नगर व ग्रामीण क्षेत्रों में वायरल बुखार और संक्त्रामक बीमारी का जबरदस्त प्रकोप चल रहा है। साथ ही दर्जनों लोग इसकी चपेट में हैं। हाजी जुल्फेकार पुत्र अब्दुल सलाम उम्र 55 वर्ष निवासी इमरतपुर फखरुद्दीनपुर करीब आठ दिन से बुखार से पीड़ित थे और निजी अस्पताल में अपना इलाज करा रहे थे। मंगलवार को इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई। मौत की खबर गाव में फैलते ही बुखार से पीड़ित मरीजों में दहशत पैदा हो गई। क्षेत्र में बुखार का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है। पीएचसी पर मरीजों की तादाद में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। डॉ. राजपाल सिंह का कहना है कि दिन प्रतिदिन चार सौ से पाच मरीज इलाज कराने आ रहे हैं। अस्पताल में मरीजों की भीड़ मौसम में हो रहे लगातार परिर्वतन से क्षेत्र नगर व देहात क्षेत्र में वायरल का प्रकोप जारी है। प्राइवेट अथवा कस्बा स्थित पीएचसी में रोजाना सैकड़ों वायरल के मरीज पहुंच रहे हैं। प्राइवेट चिकित्सकों के यहा भी मरीजों की भीड़ देखी जा सकती है। पीएचसी प्रभारी डॉ. राजपाल सिंह ने बताया कि बरसात के बाद हो रहे मौसम परिवर्तन से दिन में गहरी तपिश और रात में ठंडक होने से वायरल का सबसे उपयुक्त मौसम माना जाता है।
डेंगू के लक्षण
- हाथों-पैरों में दर्द
- भूख कम लगना
- जी मचलाना
- उल्टी और दस्त
- तेज बुखार और ठंड लगना
- सिर और आखों में दर्द
- शरीर और जोड़ों में दर्द
- त्वचा पर लाल धब्बे पडऩा
- शरीर में कमजोरी आना
- आख और नाक से खून आना चिकुनगुनिया के लक्षण
- तेज बुखार, जोड़ों में तेज दर्द,तेज सिर दर्द, चक्कर आना, उल्टी होना,शरीर में जकडऩ, रैशेज या चकत्ते पडऩा, मासपेशियों में खिंचाव और दर्द
ऐसे करें बचाव
- घर में साफ-सफाई का खास ध्यान रखें।
-घर के बर्तनों में पानी ढक कर रखें।
-कूलर, गमले आदि का पानी रोज बदलें।
- रात में सोते समय ऐसे कपड़े पहनें जो शरीर के हिस्से को ढक सकें।
-मच्छरों से बचने के लिए क्त्रीम, और ऑयल आदि लगा लें।
-ठंडा पानी न पीएं, मैदा और बासी खाना न खाएं। खाने में हल्दी, अजवाइन, अदरक, हींग का ज्यादा-से-ज्यादा इस्तेमाल करें।
-बारिश के मौसम में पत्ते वाली सब्जिया, अरबी और फूलगोभी न खाएं। पानी उबालकर पीएं।
-मच्छरदानी का इस्तेमाल करें और दरवाजे-खिड़किया बंद रखें, जिससे मच्छर अंदर न आ सकें।
-घर में तुलसी का पौधा लगाने से भी मच्छर दूर रहते हैं। इसलिए तुलसी का पौधा जरूर लगाएं।