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प्रदूषण से कराह रही रामगंगा पर आइआइटी कानपुर करेगी शोध Moradabad News

प्रदूषण से कराह रही रामगंगा को स्वच्छ करने का काम भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) कानपुर मार्च से शुरू करेगा। शोध करने की समय सीमा दो वर्ष तय की गई।

By Narendra KumarEdited By: Published: Mon, 24 Feb 2020 09:36 AM (IST)Updated: Mon, 24 Feb 2020 09:36 AM (IST)
प्रदूषण से कराह रही रामगंगा पर आइआइटी कानपुर करेगी शोध Moradabad News
प्रदूषण से कराह रही रामगंगा पर आइआइटी कानपुर करेगी शोध Moradabad News

मुरादाबाद (रितेश द्विवेदी)। प्रदूषण से कराह रही रामगंगा को स्वच्छ करने का काम भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) कानपुर मार्च से शुरू करेगा। शोध करने की समय सीमा दो वर्ष तय की गई। स्थानीय स्तर पर वल्र्ड वाइल्ड फंड (डब्ल्यूडब्ल्यूएफ) के पदाधिकारियों से भी मदद ली जाएगी।

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रामगंगा को स्वच्छ बनाने के लिए राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण की ओर से लगातार सख्त कदम उठाए गए हैं। वर्षों से नदी के किनारे दोनों घाटों पर मौजूद ई-कचरा को हटाने की कार्रवाई जिला प्रशासन ने एनजीटी के आदेश पर की थी। ई-कचरे में मौजूद मेटल की वजह से रामगंगा का जल सबसे ज्यादा प्रदूषित हुआ है। इस पानी में आर्सेनिक की मात्रा इतनी अधिक हो जाती है कि जलीय जीव-जंतु भी नहीं बच पाते हैं।

ड्रोन में लगाए जाएंगे हाईपॉवर सेंसर

रामगंगा नदी के ऊपर लगभग सात किलो मीटर तक ड्रोन कैमरे से परीक्षण किया जाएगा। आइआइटी कानपुर के प्रोफेसर राजीव सिन्हा ने जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह व एसएसपी अमित पाठक को पत्र भेजकर ड्रोन उड़ाने की अनुमति मांगी है। प्रोफेसर के पत्र पर जिला प्रशासन ने ड्रोन उड़ाने की अनुमति दे दी है। इस ड्रोन कैमरे में हाई पॉवर के सेंसर लगाए जाएंगे,जो नदी के पानी में मौजूद मेटल की पहचान करने के साथ ही उसकी मात्रा को भी अनुमानित करेंगे। शोध टीम इसी रिपोर्ट के आधार पर उन स्थानों को चिह्नित करेगी,जहां पर मेटल या दूसरे खतरनाक पदार्थ की मात्रा अधिक होगी।

आइआइटी का अर्थ साइंस विभाग करेगा शोध

कानपुर आइआइटी में अर्थ साइंस विभाग के प्रोफेसर राजीव सिन्हा ने रामगंगा में शोध करने की अनुमति मांगी है। उन्होंने लंदन की कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से पीएचडी की है। भारत सरकार के स्वच्छ गंगा मिशन के तहत के वह रामगंगा के पानी पर शोध करने का काम करेंगे। यह शोध साल 2020 से लेकर 2022 तक चलेगा।

रामगंगा में शोध करने के लिए आइआइटी कानपुर की टीम के साथ ही वल्र्ड वाइड फंड की स्थानीय इकाई के पदाधिकारी मिलकर काम करेंगे। रामगंगा को स्वच्छ बनाने के लिए सभी कदम उठाए जा रहे हैं। शोध टीम के द्वारा मार्च से शोध करने की अनुमति मांगी गई थी,वह उन्हें दे दी गई है।

राकेश कुमार सिंह,जिलाधिकारी 


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