अगर आपके भी हैं दो से अधिक बच्चे तो नहीं मिलेगा सुमंगला योजना का लाभ Amroha News
सिर्फ दो बच्चों वाले परिवार को ही मिलेगा सुमंगला योजना का लाभ। 90 फीसद परिवारों में दो से अधिक बच्चे 10 फीसद ही मिले पात्र।
अमरोहा (अनिल अवस्थी)। जनसंख्या विस्फोट के चलते सरकारी योजनाएं ऊंट के मुंह में जीरा साबित हो रही हैं। इसके चलते दो बच्चों का कानून बनाने की मांग भी तेजी से उठने लगी है। इसको लेकर प्रदेश की योगी सरकार गंभीर हो गई है। सुमंगला योजना के जरिये नई पहल करते हुए सरकार ने सिर्फ दो बच्चों वाले परिवार को ही इसका लाभ देने का प्रावधान किया है। अमरोहा जिले के 90 फीसद परिवारों में दो से अधिक बच्चे मौजूद हैं। इसके चलते वह इसका लाभ लेने से वंचित रह गए हैं। अफसरों का मानना है कि ऐसे प्रावधान ही परिवार नियोजन में कारगर साबित होंगे।
वैसे सुशिक्षित परिवार में अब एक या दो बच्चों की अवधारणा मजबूत हो रही है लेकिन समाज का एक बड़ा तबका आज भी परिवार नियोजन से दूर है। उसे न बच्चों के स्वास्थ्य की चिंता है और न ही उनकी शिक्षा की। इन्हें जागरूक करने के लिए सरकार कई योजनाएं चला रही है लेकिन, इसका व्यापक असर नजर नहीं आ रहा। इसके चलते केंद्र सरकार से दो बच्चों से अधिक पर पाबंदी के लिए कड़ा कानून बनाने की मांग उठने लगी है। इस दिशा में योगी सरकार ने कदम बढ़ा दिया है। नारी सशक्तीकरण की मंशा के साथ सरकार ने सुमंगला योजना लागू की है। इसमें बच्ची के बेहतर स्वास्थ्य व शिक्षा के लिए आर्थिक सहायता का प्रावधान किया गया है। योजना का लाभ सिर्फ उन परिवारों को ही देने की शर्त रखी गई है जिनमें दो से अधिक बच्चे नहीं हैं। इसके बाद सीएमओ से नवजात बच्चों, बीएसए व डीआइओएस से कक्षा एक, पांच, नौ व ग्रेजुएशन में पढऩे वाली बेटियों का रिकार्ड तलब किया गया। इसमें बेटियों की संख्या करीब 40 हजार है। जब इनके परिवारों का ब्योरा खंगाला गया तो 35 हजार से भी अधिक परिवारों में दो से अधिक बच्चे मिले। मतलब 90 फीसद परिवार सुमंगला योजना का लाभ लेने की पात्रता से बाहर हो गए। महज दस फीसद बेटियों को ही आर्थिक मदद मिल पाएगी।
इस तरह मिलेगी आर्थिक मदद
जन्म के छह माह के अंदर बच्ची का पंजीकरण कराने पर दो हजार रुपये। साल भर में नियमित टीकाकरण पूरा कराने पर एक हजार रुपये। कक्षा एक में बेटी को प्रवेश दिलाने पर एक हजार रुपये। कक्षा छह में प्रवेश दिलाने पर दो हजार रुपये। कक्षा नौ में प्रवेश दिलाने पर तीन हजार रुपये। ग्रेजुएशन प्रथम वर्ष में प्रवेश दिलाने पर पांच हजार रुपये।
सात माह में जन्मीं आठ हजार बेटियां, पात्र 500
स्वास्थ्य विभाग से जुटाए गए आंकड़ों में एक अप्रैल के बाद से अब तक करीब आठ हजार बेटियों ने जन्म लिया है। सुमंगला योजना के तहत बेटी के जन्म के बाद उसका पंजीकरण कराते ही दो हजार रुपये की मदद मिलती है। पात्रता की इस श्रेणी में आठ हजार में महज पांच सौ बेटियां ही शामिल हो पाई हैं। शेष बेटियों ने जिन परिवारों में जन्म लिया उनके यहां दो से अधिक बच्चे पहले से ही मौजूद थे।
बेटियों के स्वास्थ्य व शिक्षा में सुमंगला योजना काफी मददगार साबित होगी। इस श्रेणी की लगभग 40 हजार बेटियों में दो बच्चों के दायरे के तहत चार हजार से कम का ही पंजीकरण हो सका है। ऐसी योजनाओं के जरिये परिवार नियोजन के प्रति जागरूकता भी बढ़ेगी।
- मनोज कुमार, जिला समाज कल्याण अधिकारी