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अगर बटाई पर दी है खेती तो भरना पड़ेगा आयकर, जान लें नियम

खुद खेती करने के बजाय खेत बटाई पर दिया है तो दस फीसदी आयकर देना पड़ेगा। सरकार आपसे जमीन पर उत्पादित होने वाली फसल के मूल्य का दस फीसद आयकर लेगी। ढाई लाख से कम आय वाले छोटे किसानों को इन नियमों से बाहर रखा गया है।

By RashidEdited By: Published: Wed, 23 Jan 2019 08:07 AM (IST)Updated: Wed, 23 Jan 2019 08:07 AM (IST)
अगर बटाई पर दी है खेती तो भरना पड़ेगा आयकर, जान लें नियम
अगर बटाई पर दी है खेती तो भरना पड़ेगा आयकर, जान लें नियम

मुरादाबाद। खुद खेती करने के बजाय खेत बटाई पर दिया है तो दस फीसदी आयकर देना पड़ेगा। सरकार आपसे जमीन पर उत्पादित होने वाली फसल के मूल्य का दस फीसद आयकर लेगी। ढाई लाख से कम आय वाले छोटे किसानों को इन नियमों से बाहर रखा गया है।

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अब सरकार को देनी होगी जानकारी

जनवरी में आयकर से बचने के लिए लोग प्रयास करते हैं। जिस व्यक्ति के पास खेती की जमीन है और नौकरी करता है या कोई व्यवसाय करता है, वह खेती से होने वाली आय को घोषित करता है। ताकि आयकर से छूट मिले। लेकिन, इसके लिए अब सरकार को बताना पड़ता है कि वह खुद या उसके परिवार के सदस्य खेती करते हैं। जांच में गलत पाए जाने और खेत बटाई पर दिए जाने पर आपसे आयकर वसूला जाएगा।

ये हैं आयकर के नियम

आयकर की धारा 10 (1) में खेती से होने वाली आय में छूट है। खेती से लाखों व करोड़ो रुपये आय होने पर टैक्स नहीं देना पड़ेगा। इसमें शर्त है कि जिसके नाम से जमीन है, वह व्यक्ति या उसके परिवार के सदस्य खेती करते हों। अगर खेत को किराए पर या बटाई पर देता है तो मिलने वाली राशि का दस फीसद या फसल की वास्तविक कीमत का दस फीसद आयकर देना पड़ेगा। सरकार ने छोटे किसानों को राहत दी है। छोटे किसानों को बटाई, किराया व अन्य स्त्रोत से सलाना आय ढ़ाई लाख रुपये से कम है तो उसे भी आयकर नहीं देना पड़ेगा।

जिले में खेती की यह स्थिति है

जिले में 2.62 लाख हेक्टयर जमीन है। इसमें 1.92 लाख हेक्टयर जमीन पर खेती हो रही है। इसमें गन्ना की कम पैदावार है। सबसे अधिक गेहूं, धान की फसल होती है। सरकारी रिकार्ड में खेत को बटाई पर देना दर्ज नहीं है। एक अनुमान है कि 40 हजार हेक्टयर जमीन पर खेती बटाई पर दी जा रही है।

नकद में जमीन बेचने पर सौ फीसद जुर्माना

आयकर के अधिनियम 269 (एसएस) में जमीन या किसी प्रकार की संपति जिसकी कीमत 20 हजार रुपये अधिक है, वह नकद में नहीं बेची जा सकती है। चेक या आनलाइन रकम लेने पर छूट होगी। जबकि नकद बेचने पर राशि के बराबर आयकर लिया जाएगा। उदाहरण के लिए एक लाख रुपये में नकद जमीन बेचने पर उतना ही जुर्माना लिया जाएगा।

परिवार के सदस्य करते हैं खेती तो नहीं देना पड़ेगा टैक्स

जिसके नाम से जमीन है वह खुद या परिवार के सदस्य द्वारा खेती कराता है तो उसे आयकर नहीं देना पड़ेगा। चाहे कृषि उत्पादन से करोड़ रुपये की आय होती हो। दूसरे से खेती कराने, बटाई पर खेती देने या खेत को किराया देने पर आयकर से छूट नहीं मिलेगी।

अजीत अग्रवाल, वरिष्ठ चार्टर्ड अकाउंटेंट

विभाग करेगा आयकर की वसूली

कृषि उत्पादन, कृषि प्रयोग में होने वाली सामग्री को आयकर से छूट दी गई है, लेकिन उसे खेती करनी होगी। जमीन मालिक द्वारा खेती नहीं की जाती है तो आयकर विभाग आयकर की वसूली करेगा।

अभिनव अग्रवाल, अध्यक्ष

इंस्टीट्यूट आफ चार्टर्ड अकाउंटेंट आफ इंडिया, मुरादाबाद ब्रांच 


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