हड्डी न सींग कैसे चले कारोबार,कच्चे माल की कमी से हो रही परेशानी Moradabad News
लॉकडाउन के कारण उद्योग बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। सम्भल सहित मंडल के अन्य जिलों में जितने भी उद्योग हैं वहां भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
मुरादाबाद,जेएनएन। सम्भल हड्डी व सींग से जुड़े सजावटी सामान के लिए जाना जाता है। सम्भल की विश्व स्तर पर पहचान भी इन्हीं मैटेरियल से बने सामान के कारण है। यहां के सामान देश के साथ ही कई अन्य देशों में भी निर्यात किए जाते हैं। वर्तमान समय में लॉक डाउन लंबा चल रहा है और सरकार ने उद्योग धंधों को खोलने की इजाजत दे दी है लेकिन रॉ मैटेरियल के रूप में उपयोग में लाया जाने वाला हड्डी व सींग ही कारीगरों को उपलब्ध नहीं है। ऐसे में इन धंधों का चलना भी किसी काम का नहीं है। क्योंकि ज्यादातर सामान प्रदेश के विभिन्न जनपदों के अलावा महाराष्ट्र, राजस्थान से आता है और कोरोना के कारण यहां काम बंद है और रॉ मैटेरियल न मिल पा रहा है और न ही वहां से अन्य जगहों पर भेजा जा रहा है। सम्भल के कारोबारी इसे लेकर परेशान हैं। लॉक डाउन के पहले तक हर दस से 15 दिन में दो से तीन ट्रक हड्डी व सींग उतर जाते थे। यहां से छोटे कारोबारी सामान खरीदकर ले जाते थे और इसे तराशते हुए सामान बनाते थे। इन्हीं सामान को वह बड़े एक्सपोर्टर को मुहैया कराते हैं और यहां से इन सामान के जरिए सजावटी सामान बनाए जाते हैं। हैंडीक्राफ्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष ताहिर सलामी कहते हैं कि महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश आदि जगहों से रॉ मैटेरियल आते हैं जो इस समय बंद है। सामान न मिलने से छोटे कारोबारियों का पूरा काम बंद है। इसे यदि चालू किया जाए तो उद्योग यहां शुरू हैं उन्हें पर्याप्त सामान उपलब्ध हो पाएगा और वह चल सकेंगे।
सींग के ये सामान बनते हैं
सम्भल में सींग के ¨सहासन, बियर मग, हड्डी के बटन, सींग के चश्मे आदि सामान बनाए जाते हैं। यह सामान सीधे सींग के नहीं बनते हैं। सींग को केमिकल के जरिए विषाणु मुक्त करने के बाद इसे तराशा जाता है। इसके लिए मशीनों का भी उपयोग होता है। पॉलिश के बाद इसे आकार दिया जाता है।सम्भल में हड्डी व सींग गैर प्रांतों से आता है। राजस्थान, महाराष्ट्र के अलावा दक्षिण के राज्यों से भी यहां रॉ मैटेरियल आता है और इस पर नक्कासी कर इसे नए रूप रंग में पेश कर निर्यातक विभिन्न देशों को निर्यात करते हैं। अब इनका आना बंद है। ऐसे में उद्योग चल भी रहे हैं तो इन चीजों की कमी साफ तौर पर दिख रही है।