चुनावी वर्ष के बजट से बंधी उम्मीदों की डोर, जानिए क्या चाहते हैं लोग
एक फरवरी को बजट आने वाला है। बजट को लेकर हर वर्ग में चर्चा हो रही है। सभी के अपने-अपने विचार हैं। लोगों का मानना है कि चुनावी साल होने के कारण बजट लोक लुभावन होना चाहिए।
मुरादाबाद, जेएनएन। एक फरवरी को बजट आने वाला है। बजट को लेकर हर वर्ग में चर्चा हो रही है। सभी के अपने-अपने विचार हैं। लोगों का मानना है कि चुनावी साल होने के कारण बजट लोक लुभावन होना चाहिए। बजट आने से पूर्व विभिन्न वर्ग के लोगों की अपनी-अपनी राय भी रखीं।
आयकर की सीमा बढ़ने की उम्मीद
सीए हिमांशु मेहरा का कहना है कि यह अंतरिम बजट है। ऐसे में सरकार की बहुत सीमाएं होती हैं। बजट बहुत अधिक लोकलुभावन होगा इसकी संभावनाएं कम ही हैं। फिर भी आयकर की सीमा ढाई से बढ़ाकर तीन लाख होने की उम्मीद है।
मतदाताओं को रिझाने का हो सकता है प्रयास
छात्रा आस्था का कहना है कि चुनावी साल होने के कारण सरकार मतदाताओं को रिझाने के लिए कई घोषणाएं कर सकती है। इससे आम आदमी को लाभ मिलने की उम्मीद है। विद्यार्थियों के लिए इसमें कई घोषणाएं की जा सकती हैं।
गोल्ड हो इंपोर्ट ड्यूटी से बाहर
सराफा व्यापारी संदीप सिंघल का कहना है कि सोने के दाम बढ़ चुके हैं, बजट में इस बार गोल्ड को इंपोर्ट ड्यूटी से बाहर किया जाए तो लोगों के लिए अच्छा होगा और आसमान छूते दाम कम होंगे।
इनकम टैक्स में मिलनी चाहिए छूट
सराफा व्यापारी प्रशांत अग्रवाल का कहना है कि इस बार के बजट में इनकम टैक्स में छूट मिलनी चाहिए। अभी छूट 2.5 लाख तक है, लेकिन इसे बढ़ाया जाना चाहिए।
व्यापारियों के लिए जीएसटी बड़ा मुद्दा
कपड़ा व्यापारी गिरीश भंडुला का कहना है कि व्यापारियों के लिए बड़ा मुद्दा जीएसटी है। उम्मीद है कि इस बार इसमें कई सुधार होंगे और राहत मिलेगी। 28 फीसद वाले टैक्स स्लैब को भी हटाया जाना चाहिए।