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हिंदू जागा तो आजम को रसगुल्ले की तरह निगल जाएगा

मुरादाबाद: राज्यसभा सदस्य अमर सिंह ने आजम पर तीखी बयानबाजी की। कहा, हिंदू जागा तो आजम को रसगुल्ले की तरह निगल जाएगा।

By JagranEdited By: Published: Sat, 01 Sep 2018 09:27 AM (IST)Updated: Sat, 01 Sep 2018 09:27 AM (IST)
हिंदू जागा तो आजम को रसगुल्ले की तरह निगल जाएगा
हिंदू जागा तो आजम को रसगुल्ले की तरह निगल जाएगा

मुरादाबाद: राज्यसभा सदस्य अमर सिंह ने सपा नेता आजम खा के गढ़ में तीखी बयानबाजी कर रामपुर ही नहीं, बल्कि आसपास के जिलों का भी सियासी माहौल गर्मा दिया। यूं तो वह पहले भी कई बार रामपुर आए, लेकिन इस तरह की बयानबाजी कभी नहीं की। उन्होंने यहा तक कह दिया कि अगर हिंदू कुंभकर्णी नींद से जाग गया तो आजम को रसगुल्ले की तरह निगल जाएगा। उनके इस बयान की रामपुर के हर गली मुहल्ले में चर्चा हो रही है। रामपुर में तीन घटे रुके अमर

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अमर सिंह गुरुवार को रामपुर आए और करीब तीन घटे रुके थे। उन्होंने जो बयानबाजी की, उसे लेकर सियासी पंडित तरह-तरह के कयास लगा रहे हैं। कोई कह रहा है कि हिंदू और हिंदुत्व की बात कर अमर सिंह ने हिंदुओं को साधने की कोशिश की है। मुसलमान नाराज न हों, इसलिए अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के संस्थापक सर सैयद को भी भारतरत्न से सम्मानित करने की बात कही। इस तरह की बयानबाजी कर अमर सिंह ने यह संदेश देने की कोशिश की है कि अब वह भाजपा के करीब हैं और उनकी करीबी फिल्म अभिनेत्री जयाप्रदा फिर रामपुर से चुनाव लड़ सकती हैं। जयाप्रदा दो बार रामपुर से लोकसभा सदस्य रही हैं। राजनीति के जानकार यही मान रहे हैं कि अगर शिवपाल सिंह यादव का संयुक्त सेकुलर मोर्चा भी भाजपा के गठबंधन में शामिल होता है तो जयाप्रदा उस मोर्चे की प्रत्याशी होंगी। वैसे भी शिवपाल और अमर सिंह के बीच अच्छे संबंध हैं। जयाप्रदा की वजह से पड़ी दरार

याद रहे अमर सिंह लंबे समय तक समाजवादी पार्टी में राष्ट्रीय महासचिव रहे। आजम तो पार्टी की स्थापना के समय से ही राष्ट्रीय महासचिव हैं, लेकिन एक ही पार्टी में होते हुए भी दोनों में छत्तीस का आकड़ा रहा। हालाकि पहले दोनों में अच्छे संबंध थे। आजम के बुलावे पर नेताजी के साथ कई बार अमर सिंह रामपुर आए। वर्ष 2001 के विधानसभा चुनाव से पहले अमर सिंह, महानायक अमिताभ बच्चन को भी रामपुर लाए थे। जौहर यूनिवर्सिटी में भी अमर सिंह आते रहे, लेकिन दोनों के बीच दरार की वजह बनीं जयाप्रदा। 2004 के लोकसभा चुनाव में जयाप्रदा सपा के टिकट पर रामपुर से चुनाव लड़ीं और विजयी रहीं, लेकिन चुनाव के कुछ दिन बाद ही जयाप्रदा और आजम के बीच दूरिया बढ़ने लगी। 2009 का लोकसभा चुनाव आते-आते दोनों के संबंधों में दरार पड़ गई। तब आजम ने जयाप्रदा का साथ नहीं दिया, लेकिन वह चुनाव जीत गईं। इसके बाद आजम को सपा से बाहर कर दिया गया। कुछ समय बाद मुलायम सिंह यादव ने फिर आजम को पार्टी में शामिल किया। जबकि इससे कुछ दिन पहले अमर सिंह और जयाप्रदा को पार्टी से निकाल दिया था। अमर सिंह का रामपुर आना राजनीतिक तमाशा

इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के जिलाध्यक्ष फारूक मिया ने कहा कि अमर सिंह का रामपुर आना एक राजनीतिक तमाशा है। रामपुर आने या नहीं आने से यहा की जनता पर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला। वह कार्यालय पर हुई बैठक में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि रामपुर की जनता जानती है कि उनके चेहरे पर भी समाजवादी का दोगला मुखौटा चढ़ा है। कहा, सर पर टोपी रखकर और कुरआन की आयत पढ़कर वह किया साबित करना चाहते हैं। कहा अगर अमर सिंह मुसलमानों के हमदर्द हैं तो उनकी यह हमदर्दी तब कहा चली जाती है जब मुसलमानों पर अत्याचार होते हैं। मुसलमानों की उत्पीड़न किया जाता है। कहा लोकसभा चुनाव करीब होने के कारण ऐसे लोग बिलों से बाहर निकल आएंगे। उन्होंने जनता से अपील करते हुए कहा कि ऐसे लोगों से दूर रहें। इस अवसर पर शहाब खा, हाफिज रेहान, अनस सलीम, समी राईनी, मोहम्मद नूर खा, डॉ. जफर, इस्माईल, नीलोफर, सबा, आसमा आदि मौजूद रहीं।


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