Hindi Day 2021 : हिंदी में हैं रोजगार की अपार सम्भावनाएं, हिंदी अनुवादक और पटकथा लेखन में करियर संवार रहे लोग
Hindi Day 2021 कृपया हिंदी में बात करें। हिंदी में लिखने की आदत डालें। यह संदेश विभागों में हिंदी अनुवादक की मेज पर रखी प्लेट पर लिखा मिलेगा। इस संदेश को भले हम नजरअंदाज करें लेकिन जिसकी मेज पर यह संदेश लिखी प्लेट है वह इसकी अहमियत समझते हैं।
मुरादाबाद, जेएनएन। Hindi Day 2021 : कृपया हिंदी में बात करें। हिंदी में लिखने की आदत डालें। यह संदेश विभागों में हिंदी अनुवादक की मेज पर रखी प्लेट पर लिखा मिलेगा। इस संदेश को भले हम नजरअंदाज करें लेकिन, जिसकी मेज पर यह संदेश लिखी प्लेट है, वह इसकी अहमियत समझते हैं। हिंदी की लोकप्रियता की बात करें तो माइक्रोसाफ्ट जैसी बड़ी कंपनियों ने भी हिंदी में काम करना शुरू कर दिया है। लेकिन, अभी हिंदी की लोकप्रियता को समझने का मतलब है हिंदी में पढ़ाई करने का सिर्फ शिक्षक बनना है। राज्यों से लेकर केंद्र सरकार के विभागों में हिंदी अनुवादक के पद हैं। इसके लिए हिंदी के साथ दूसरी भाषा का ज्ञान है तो केंद्र सरकार के मंत्रालयों से लेकर विभागों में एक अच्छी नौकरी के रास्ते साफ हैं।
हिंदी अनुवादक के लिए दूसरी भाषा का ज्ञान वरदानः हिंदी भाषा के साथ अगर क्षेत्रीय भाषा में तमिल, कन्नड़, बंगाली समेत तमाम भाषाओं में अगर हिंदी के अलावा इनका भाषाओं का ज्ञान है तो हिंदी अनुवादक की नौकरी पक्की है। विभन्न राज्यों के केंद्रीय मंत्रियों के साथ हिंदी अनुवादक होते हैं। बैंक, रेलवे, बीएसएनएल, आयकर समेत कई केंद्र सरकार के विभागों में हिंदी में काम अब पूरे साल भर होने लगा है। पहले सिर्फ हिंदी पखवाड़ा के तहत ही जागरूकता दिखाई देती थी। हिंदी में हिंदु अनुवादक क्रिएटिव राइटिंग, रेडियो जाकी, पटकथा लेखन, पत्रकारिता समेत कई क्षेत्रों में रोजगार के रास्ते हैं।
हिंदी विभागाध्यक्ष डा. उन्मेष चंद्र सिन्हा ने बताया कि हिंदी के प्रति धारणा है कि शिक्षक ही बनना है लेकिन, हिंदी अनुवादक समेत प्रोफेशनल कोर्स तक में हिंदी की लोकप्रियता बढ़ी है। शुद्ध हिंदी लिखने व बोलने के साथ-साथ दूसरी भाषा का ज्ञान है तो रोजगार की अपार सम्भावनाएं हैं।एसोसिएट प्रोफेसर डा. मुकेश गुप्ता का कहना है कि पटकथा लेखन में हिंदी की लोक प्रियता का मुकाबला कोई और भाषा नहीं कर सकती। हिंदी जिसकी अच्छी है, वह फिल्म, सीरियल की पटकथा लिखकर अच्छा रोजगार हासिल कर सकते हैं। सरकारी विभागों में भी हिंदी अनुवादक होते हैं।
एसोसिएट प्रोफेसर डा. अर्चना अहलावत ने बताया कि हिंदी के प्रति रुझान बढ़ रहा है लेकिन, अभी उतना नहीं जितना अंग्रेजी का है। युवाओं को हिंदी में रुचि दिखानी होगी। तभी हिंदी और लोकप्रिय होगी। कई युवक-युवतियों की हिंदी में लेखन शैली बहुत ही अच्छी है।केजीके कालेज के प्रवेश प्रभारी डा. योगेश सिंह ने बताया कि कालेजों में कुल सीट के सापेक्ष हिंदी में रिक्त रह जाती हैं जबिक दूसरे विषय में सीट फुल रहती हैं। स्नातक में हिंदी बहुत छात्र लेते हैं लेकिन, परास्नातक में पहुंचने पर संख्या घट जाती है।