लोहा, लकड़ी और कोयला में सबसे ज्यादा जीएसटी चोरी Moradabad News
दो साल में सवा लाख करोड़ रुपये से अधिक की जीएसटी चोरी के मामले दर्ज किए गए हैं। सबसे ज्यादा चोरी नए पंजीयन के व्यापारियों के द्वारा की जा रही है।
मुरादाबाद। गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) में चोरी को लेकर वित्त मंत्रालय परेशान है। बीते दो साल में सवा लाख करोड़ रुपये से अधिक की जीएसटी चोरी के मामले दर्ज किए गए हैं। जीएसटी चोरियों में 44,355 मामले केंद्र सरकार के जीएसटी विभाग ने दर्ज किए हैं। जीएसटी विभाग के जानकारों की माने तो सबसे ज्यादा चोरी नए पंजीयन के व्यापारियों के द्वारा की जा रही है। सरकार ने नए पंजीयन पर तीन माह तक की छूट प्रदान की है। ऐसे में इसी छूट का लाभ उठाकर जीएसटी चोरी को अंजाम दिया जा रहा है। बीते कुछ माह में वाणिज्यकर विभाग की रोड चेकिंग में लोहा, लकड़ी, कोयला के साथ ही सरिया की खरीद-बिक्री में सबसे ज्यादा जीएसटी चोरी के मामले सामने आए हैं। इनके पीछे क्या कारण हैं, इसको लेकर अभी कोई भी अधिकारी स्पष्ट रूप से जवाब नहीं दे रहा है लेकिन, इन सामानों पर सबसे ज्यादा जीएसटी चोरी को अंजाम दिया जा रहा है। हालांकि, सरकार ने जीएसटी लागू करने के समय यह जरूर कहा कि था कि इससे हमारी पूरी व्यवस्था पारदर्शी हो जाएगीलेकिन, जिस तरह से चोरी के मामले सामने आए हैं, इससे राजस्व को ही नुकसान पहुंच रहा है।
फर्म से नहीं अपडेट हो रहे जीएसटी बिल
क्रेता और विक्रेता दोनों को जीएसटी की जानकारी अपडेट करना जरूरी है। खरीदार अपनी खरीद करने के बाद जीएसटी की जानकारी देने का काम कर रहे हैं लेकिन, विक्रेता द्वारा उस जीएसटी को अपडेट नहीं किया जा रहा है। इसके चलते माल खरीदने वाले व्यापारी को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है।
ईबे बिल का हो रहा दुरुपयोग
जीएसटी में ईबे बिल का दुरुपयोग करने के मामले भी पकड़ में आ रहे हैं। इसमें एक बिल का कई बार व्यापारियों के द्वारा उपयोग किया जा रहा है। पकड़े जाने के बाद व्यापारी से इसे अपनी भूल बताकर खुद को अनभिज्ञ साबित करने में जुटे जाते हैं।
ऑनलाइन सिस्टम में खामियां
जीएसटी के ऑनलाइन सिस्टम में भी कई खामियां हैं। जिनका अनुचित लाभ व्यापारियों के साथ ही कुछ अधिकारी भी लेने में जुटे रहते हैं। हालांकि अफसरों को कहना है कि भारत सरकार नए साफ्टवेयर को तैयार कर रही है जिससे पूरे देश में एक ही साफ्टवेयर काम करेगा।
जीएसटी चोरी को लेकर वित्त मंत्रालय के आंकड़े बिल्कुल सही है। विभागीय स्तर पर पारदर्शिता के साथ काम किया जा रहा है। नए साफ्टवेयर में देशभर के बिल की जानकारी फीड होगी। नए साफ्टवेयर से चोरी की सभी संभावनाएं समाप्त हो जाएंगी।
आरके सिंह,अपर आयुक्त ग्रेड-2,वाणिज्य कर विभाग
जीएसटी का दुरुपयोग नए पंजीयन कराकर कुछ व्यापारियों के द्वारा किया जा रहा है। व्यापारियों के साथ ही सिस्टम में भी थोड़ी खराबी है, जिससे चोरी के मामले ज्यादा सामने आ रहे हैं। विभागीय स्तर पर खामियों को दूर करने की कोशिश की जा रही है।
विचित्र शर्मा, कर अधिवक्ता।