हाई लाइन लॉस फीडरों पर उच्चाधिकारियों की निगाह
बिजली विभाग की ओर से राजस्व वसूली के साथ ही अब हाई लाइन लास फीडरों पर विशेष चेकिंग अभियान चलाने की तैयारी की जा रही है इसके लिए विभाग की ओर से बकाएदार उपभोक्ताओं की सूची को तैयार कर लिया गया है।
सम्भल, जेएनएन। बिजली विभाग की ओर से राजस्व वसूली के साथ ही अब हाई लाइन लास फीडरों पर विशेष चेकिंग अभियान चलाने की तैयारी की जा रही है, इसके लिए विभाग की ओर से बकाएदार उपभोक्ताओं की सूची को तैयार कर लिया गया है। जिनसे बकाया वसूली तथा बिल जमा न करने पर कनेक्शन को काटा जा रहा है। वही दूसरी तरफ इन फीडरों की विभाग के उच्चाधिकारियों द्वारा प्रतिदिन समीक्षा भी की जा रही है।
बिजली चोरी के कारण जहां बिजली विभाग को आर्थिक क्षति उठानी पड़ती है तो वही दूसरी तरफ उपभोक्ताओं को भी सुचारू आपूर्ति नहीं मिल पाती है। क्षेत्र में बिजली आपूर्ति व राजस्व को लेकर विभाग के उच्चाधिकारी भी बराबर समीक्षा कर स्थानीय अधिकारियों को लाइन लॉस कम करने के निर्देश दे रहे हैं। क्योंकि क्षेत्र में नगर व ग्रामीण क्षेत्र के 17 फीडर ऐसे है जहां पर लाइनलॉस के आंकड़े सभी को चकित कर देंगे। इन फीडरों पर 85 से लेकर 95 प्रतिशत तक लाइनलॉस हो रहा है। विभाग को मिले आंकड़े चौकाने वाले थे, जिसके चलते विभाग के अधिकारी परेशान हैं। विभाग की ओर से इन चिन्हित किए गए सब स्टेशनों के फीडरों पर 90 दिन के लिए विशेष चेकिंग अभियान चलाने के निर्देश दिए गए है, जिसमें बिजली चोरी रोकने के साथ ही उपभोक्ताओं के यहां लगे मीटरों को घर के बाहर लगाया जाएगा। अब एसई से लेकर एसडीओ तक को क्षेत्र का नोडल अधिकारी बनाकर अभियान की सफलता की जिम्मेदारी सौंपते हुए लाइनलॉस को 15 प्रतिशत से कम करने का लक्ष्य दिया गया है। विभाग की अलग अलग टीमें अन चिन्हित फीडरों पर विशेष चेकिंग करके राजस्व वसूली के साथ बकाया वाले उपभोक्ताओं के खिलाफ भी कार्रवाई कर रही है। नगर क्षेत्र में करीब 34 सौ उपभोक्ता है, जिन पर 10 हजार से ज्यादा का बकाया है। वही ग्रामीण क्षेत्र में 1440 उपभोक्ता ऐसे है, जिन्होंने छह माह से अपना कोई बिल जमा नहीं किया है।
क्या बोले अधिकारी
हाई लाइन लास वाले फीडरों पर विशेष कार्रवाई की जा रही है। इन फीडरों पर बिजली चोरी रोकने के साथ ही ऐसे उपभोकताओं को चिन्हित किया जा रहा है, जो अपना बिल जमा नहीं कर रहे है। उनके कनेक्शन को काटकर रिपोर्ट दर्ज कराई जा रही है। क्योंकि उच्चाधिकारियों द्वारा प्रतिदिन इन फीडरों की समीक्षा वीडियो कांफ्रेंसिंग के द्वारा की जा रही है।विजय कुमार, अधिशासी अभियंता सम्भल