लॉकडाउन के दौरान मृत्यु दर में आई भारी कमी Rampur News
लॉकडाउन के कारण सड़कों पर गाडिय़ां नहीं है जिसकी वजह से सड़क हादसों और दुर्घटना पर पूरी तरह से अंकुश लग गया है। इसी लिए मृत्यु दर में भारी कमी आई है।
रामपुर,जेएनएन। कोरोना महामारी से भले ही दुनिया भर में लोग मर रहे हों, लेकिन एक सच यह भी है कि इसके अलावा अन्य कारणों से मरने वालों की संख्या में इस दौरान कमी आई है। नगर के स्वर्गधाम से लेकर पोस्टमार्टम हाउस तक के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो यह बात आसानी से समझ आ जाती है।
दुनिया भर में कोरोना नाम की महामारी ने तबाही का मंजर मचा रखा है। भारत मे भी इसके कई मामले सामने आ चुके हैं। सोमवार की शाम स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार संक्रमित मरीजों की संख्या 4281 पर पहुंच गई है। वहीं अब तक इसके कारण 111 लोगों की मृत्यु हो चुकी है। रामपुर भी इसको लेकर अलर्ट मोड पर है, लेकिन गनीमत है कि अब तक कोई ऐसा मामला यहां सामने नहीं आया है। वहीं अन्य कारणों से मरने वालों की संख्या में भी कमी आई है। दरअसल कोरोना के डर से जिले में अपराध भी लॉक डाउन हो गया है। जिन अपराधियों को कानून और पुलिस का डर नहीं था, उन्हें कोरोना ने डरा दिया है। ऐसे में हत्या जैसी वारदातें सामने नहीं आ रही हैं। वहीं महिला उत्पीडऩ की घटनाओं में भी कमी आई है। इसके अलावा जिले में सड़क हादसों में मरने वालों की संख्या हमेशा अधिक रहती थी। सड़कों पर वाहन न चलने से उसमें भी गिरावट आई है।
अब तक मात्र दस का ही पोस्टमार्टम
पीएम हाउस पर जहां प्रतिमाह आने वाले शवों का आंकड़ा 40 से 45 के बीच रहता था, वहीं लॉक डाउन के दौरान अब तक मात्र 10 शव ही आए हैं।
मात्र 23 शवों का हुआ दाह संस्कार
स्वर्गधाम के आंकड़ों के अनुसार दाह संस्कार के लिए प्रति माह 50 से 70 के बीच शव आते थे, लेकिन लॉक डाउन के बाद से अब तक मात्र 23 शवों का ही दाह संस्कार हुआ है।
पोस्टमार्टम हाउस के आंकड़े
जनवरी में आए शव 42
फरवरी में आए शव 35
एक मार्च से 23 मार्च तक आए शव 20
24 मार्च से सात अप्रैल तक मात्र 10
स्वर्गधाम से प्राप्त आंकड़े
जनवरी में आए शव 70
फरवरी में आए शव 49
एक मार्च से 23 मार्च तक आए शव 34
24 मार्च से सात अप्रैल तक मात्र 23