जौहर यूनिवर्सिटी के गेट तोडऩे के मामले में टली सुनवाई Rampur News
लोगों की शिकायत पर लोक निर्माण विभाग ने सरकारी जमीन से गेट को हटाने के लिए उपजिलाधिकारी कोर्ट में अपील की। इस पर गेट तोडऩे के आदेश दिए गए थे।
रामपुर, जेएनएन। जौहर यूनिवर्सिटी के मुख्य गेट को तोडऩे के मामले में न्यायाधीश के अवकाश पर होने के चलते गुरुवार को सुनवाई नहीं हो सकी। अदालत अब 15 फरवरी को सुनवाई करेगी। यह मामला वर्तमान में जिला जज के न्यायालय में विचाराधीन है।
गेट तोडऩे के आदेश दिए थे जारी
उप जिलाधिकारी सदर ने यूनिवर्सिटी के मुख्य गेट को अवैध मानते हुए इसे तोडऩे के आदेश जारी किए थे। इस आदेश के खिलाफ यूनिवर्सिटी के संस्थापक एवं सांसद आजम खां हाईकोर्ट चले गए थे। हाईकोर्ट ने उनकी याचिका को खारिज करते हुए सेशन कोर्ट जाने की छूट दे दी थी। हालांकि सांसद की ओर से सेशन कोर्ट में भी याचिका दायर की गई थी। तीन अगस्त 2019 को सेशन कोर्ट ने हाईकोर्ट द्वारा खारिज की गई याचिका का आदेश तलब किया था, जिस पर इन दिनों सुनवाई चल रही है। सहायक शासकीय अधिवक्ता राजीव कुमार ने बताया कि अगली सुनवाई अब 15 फरवरी को होगी।
यह है पूरा मामला
जौहर विवि परिसर का मुख्य गेट लोक निर्माण विभाग की सड़क पर बना है। गेट से सिर्फ विवि के छात्र-छात्राएं एवं कर्मचारी ही जाते हैं। अक्टूबर 2019 में उप जिलाधिकारी प्रेम प्रकाश तिवारी ने गेट के तोडऩे के आदेश दिए थे।
राजस्व टीम ने जौहर यूनिवर्सिटी में की चकरोड की पैमाइश
सांसद आजम खां की जौहर यूनिवर्सिटी में राजस्व टीम ने गुरुवार को चकरोडों की पैमाइश की। राजस्व परिषद ने चकरोडों की जमीन काली कराने के आदेश दिए हैं। राजस्व टीम गुरुवार दोपहर दो बजे पुलिस के साथ यूनिवर्सिटी पहुंची। एसडीएम सदर प्रेम प्रकाश तिवारी और तहसीलदार प्रमोद कुमार की देखरेख में चकरोडों की पैमाइश शुरू की। शाम पांच बजे तक पैमाइश की गई। एसडीएम ने बताया कि राजस्व परिषद ने चकरोडों की जमीन खाली कराने के आदेश दिए हैं। यूनिवर्सिटी के अंदर 11 चकरोड हैं, जिनकी 17 बीघा जमीन है। चार चकरोड की पैमाइश पूरी कर ली गई। अन्य की पैमाइश शुक्रवार को होगी। इसके बाद ही चकरोड की जमीन खाली कराने की प्रक्रिया शुरू कराई जाएगी।
यह है मामला
सपा शासनकाल में आजम खां ने चकरोड की जमीन यूनिवर्सिटी परिसर में ले ली थी और इसके बदले दूसरी जमीन दे दी थी। सत्ता परिवर्तन होने पर भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने इस संबंध में शासन व प्रशासन में शिकायत की थी। आरोप लगाया कि सपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहते आजम खां ने नियमविरुद्ध तरीके से चकरोड अभिलेखों में हेराफेरी कर कब्जा करके अपनी निजी जौहर यूनिवर्सिटी में मिला ली। शिकायत की जांच के बाद जिलाधिकारी ने राजस्व परिषद प्रयागराज में दो नवंबर 2017 को चार वाद दायर कराए थे। सांसद ने यह कहकर आपत्ति लगाई थी कि वाद दायर करने की समय सीमा निकल चुकी है। वाद चलाने योग्य नहीं हैं। परिषद ने उनकी आपत्ति को दरकिनार करते हुए वाद चलाने की अनुमति दे दी थी। पिछले दिनों राजस्व परिषद प्रयागराज ने चकरोड की जमीन खाली कराने के आदेश दिए।