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मुरादाबाद में हो रहा बच्‍चों की ज‍िंंदगी से ख‍िलवाड़, स्‍वास्‍थ्‍य व‍िभाग ने क्‍लीनिक को क‍िया सील

health services of Moradabad एसीएमओ ने पूछा तो उसने स्वीकार कर लिया कि हां ये मेरी दुकान है। पुलिस ने झोलाछाप को छोड़कर दुकान पर सील लगा दी। इसके बाद झोलाछाप के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया। स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई से झोलाछाप में खलबली मच गई।

By Narendra KumarEdited By: Published: Thu, 23 Sep 2021 04:10 PM (IST)Updated: Thu, 23 Sep 2021 04:10 PM (IST)
मुरादाबाद में हो रहा बच्‍चों की ज‍िंंदगी से ख‍िलवाड़, स्‍वास्‍थ्‍य व‍िभाग ने क्‍लीनिक को क‍िया सील
घनी आबादी में छोटे बच्चों को भर्ती करने के नाम पर हो रही थी वसूली।

मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। health services of Moradabad : घनी आबादी में दुकानें खोलकर मरीजों की जिदंगी खतरे में डालने वाले सांसों की कीमत नहीं समझते। इलाज के नाम पर सैकड़ों दुकानें झोलाछाप चला रहे हैं। मरीज की जिंदगी खतरे में पड़ने के बाद वो हायर सेंटर के लिए रेफर भी कर देते हैं। शायद भोलेभाले तीमारदारों को इनकी हकीकत का भी अंदाजा नहीं होता।

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जामा मस्जिद वारसी नगर में मदीना पाली क्लीनिक स्वास्थ्य विभाग ने सील कर दिया। न तो इनका पंजीयन था और न ही ये बच्चों का उपचार करने में सक्षम थे। थाने में मुकदमा दर्ज करा दिया गया है। समाधान दिवस में मिली शिकायत के बाद स्वास्थ्य विभाग हरकत में आया। झोलाछाप के नोडल अधिकारी डाॅ. ए शर्मा टीम के साथ जामा मस्जिद वारसी नगर पहुंचे तो झोलाछाप शटर गिराकर भाग निकला। टीम ने शटर उठाकर देखा तो उसमें ट्यूबलाइट लगाकर फर्जी इंक्यूबेटर पर छोटे बच्चे को भर्ती कर रखा था। इसी दौरान किसी ने बता दिया कि झोलाछाप वहीं टहल रहा है। एसीएमओ ने पूछा तो उसने स्वीकार कर लिया कि हां ये मेरी दुकान है। पुलिस ने झोलाछाप को छोड़कर दुकान पर सील लगा दी। इसके बाद झोलाछाप के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया। स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई से झोलाछाप में खलबली मच गई। हालात ये हैं कि सिर्फ शिकायतों के आधार पर ही झोलाछाप के खिलाफ कार्रवाई की जा रहा है।

बच्चों को जिला अस्पताल में दिखाएं : झोलाछाप मशीन का डर दिखाकर भोलेभाले लोगों से मनमाने पैसे वसूल रहे हैं। जिला अस्पताल में बाल रोग विशेषज्ञों के साथ ही भर्ती करने की भी पूरी व्यवस्था है। वहां किसी को पैसा भी नहीं देना पड़ेगा। झोलाछाप के पास जाकर अपनी व अपने बच्चे की जिंदगी को खतरे में नहीं डालें।

जिला अस्पताल के साथ ही नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में मरीजों के उपचार की पूरी व्यवस्था है। इसलिए झोलाछाप के पास न जाकर सरकारी अस्पतालों में इलाज की पूरी व्यवस्था है। इसलिए जिंदगी का मोल समझें। डाॅ. एमसी गर्ग, मुख्य चिकित्सा अधिकारी


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