Health care : कोरोना वायरस के साथ अन्य बीमारियां भी लोगों को कर रहीं परेशान, कई लोगों की जा चुकी जान
Health care बुखार पीलिया से सप्ताहभर में 12 लोगों की जान जा चुकी है। स्वास्थ्य महकमे को कोरोना वायरस के साथ मौसमी बीमारियों से भी पार पाना मुश्किल होता जा रहा है।
अमरोहा, जेएनएन। Health care। कोरोना की आड़ में बुखार, पीलिया, खांसी, टाइफाइड, डायरिया, चिकनगुनिया आदि ने पांव पसार लिए हैं। जिसमें मामूली बुखार, छींक या खांसी आने पर उन्हें कोरोना की नजर से देखा जा रहा है। जिसके चलते उन्हें सही इलाज नहीं मिल पा रहा है और वह मौत के मुंह में समा रहे हैं। सप्ताहभर के अंदर बुखार और पीलिया से 12 लोगों की मौत हो चुकी है और कई जिंदगी और मौत से जुझ रहे हैं, लेकिन स्वास्थ्य विभाग इसके प्रति अंजान बना हुआ है।
बेकाबू कोरोना महामारी को काबू करने के लिए स्वास्थ्य महकमा पांच माह से उलझा हुआ है। जिसको काबू करने के लिए रोजाना वीसी, ट्रेनिंग, रोगियों के नमूने लेने, संक्रमितों को भर्ती-डिस्चार्ज कराने के लिए चिकित्सकों की बड़ी फौज लगी हुई है, लेकिन कोरोना की आड़ में टाइफाइड, पीलिया, बुखार, खांसी, चिकनगुनिया आदि संक्रामक जानलेवा बीमारियों ने अपने पांव पसार लिए हैं। इन रोगों ने बड़ी संख्या में अपनी चपेट में ले लिया है, लेकिन वह इलाज के लिए अस्पताल में जाते हैं तो उनको कोरोना आशंकित की नजर से देखा जा रहा है। जिन्हें सही इलाज नहीं मिलने पर वह मौत के शिकार हो रहे हैं। जिले में सप्ताहभर में इन्हीं अन्य बीमारियों से दर्जनभर लोग इलाज के अभाव में दम तोड़ चुके हैं। डिडौली थाना क्षेत्र के बरखेड़ा राजपूत गांव में भी जितेंद्र के बेटे क्रश, चंद्रभान की बेटी पुष्पा, विशनलाल की बेटी नेहा और सुखलाल समेत पांच व्यक्ति सप्ताहभर में बुखार व पीलिया से मौत के मुंह में समा चुके हैं। इसके अलावा थाना क्षेत्र के ही सलारपुर माफी निवासी ऋषिपाल सिंह की पत्नी मुन्नी देवी की भी बुखार से मौत हो चुकी है। जबकि प्रधान पुत्र पंकज कुमार, उमेश, हरपाल सिंह, संजीव कुमार, अंशु, मनु, कवि चौधरी, ओमकार, सुमित कुमार, देवेंद्र सिंह आदि बुखार से बीमार पड़े हैं, लेकिन स्वास्थ्य महकमा अंजान बना हुआ। संचारी रोग नियंत्रण अधिकारी डॉ. हरिदत्त नेमी का कहना है कि कोरोना का नाम बदनाम है। कोरोना की आड़ में अन्य संक्रामक बीमारयां पनप रही है। जिससे लोग मौत के मुंह में समा रहे हैं।