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संघ के कार्यक्रम में काम न आई टोपी, बोले-चंदा ले गए लेकिन काम नहीं किया Moradabad News

मुरादाबाद में संघ के कार्यक्रम के दौरान कई वाकये सामने आए जो अब तक सुर्खियों में बने हुए हैं। इनमें से एक है टोपी की खरीदारी लेकिन महत्व न मिलने से कुछ नेता परेशान हैं।

By Narendra KumarEdited By: Published: Fri, 24 Jan 2020 08:40 AM (IST)Updated: Fri, 24 Jan 2020 08:40 AM (IST)
संघ के कार्यक्रम में काम न आई टोपी, बोले-चंदा ले गए लेकिन काम नहीं किया  Moradabad News
संघ के कार्यक्रम में काम न आई टोपी, बोले-चंदा ले गए लेकिन काम नहीं किया Moradabad News

मुरादाबाद (रितेश द्विवेदी)। संघ के बड़े पदाधिकारियों को चेहरा दिखाने के लिए शहर में चार दिन होड़ मची रही। संघ प्रमुख तक पहुंचने के लिए लगभग सभी पोस्टर वाले नेताओं की सिफारिश और जुगाड़ का सहारा लिया गया, लेकिन अंतिम समय में सभी कोशिशों ने दम तोड़ दिया। संघ प्रमुख से न मिल पाने का दर्द रह-रह कर कुछ नेताओं के चेहरे से साफ झलक रहा था। दर्द से भरे एक बड़े व्यापारी नेता बोले, चंदा लेने के लिए वो लोग मुस्कुराते हुए आए थे, लेकिन जब फोटो खिंचवाने की बारी आई तो जवाब तक नहीं दिया। चंदा भी ले गए और काम भी नहीं किया। चार दिन तक सादगी और संघ प्रेमी दिखाने के लिए नेताओं ने खूब टोपियां खरीदीं लेकिन, टोपी किसी के काम नहीं आई। कुछ नेता तो घूम-घूम कर संघ के पदाधिकारियों को नमस्ते कर रहे थे, पर संघ के पदाधिकारी उन्हें देखना भी उचित नहीं समझ रहे थे। 

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साहब की मीठी गोली

कलेक्ट्रेट के बड़े साहब की मीठी गोली ऐसी है कि सारी सिफारिश हजम हो जाती हैं। आम आदमी से लेकर नेताओं तक यह चर्चे आम हो गए हैं, कि साहब कोई काम तो करते नहीं है लेकिन, मीठी गोली देकर सभी को विदा कर देते हैं। बड़े साहब से भाजपा के नेता इन दिनों सबसे ज्यादा परेशान हैं। बड़े साहब को जब एमडीए का जिम्मा मिला तो भाजपा के ठेकेदारों की चेहरे की चमक दोगुना हो गई थी लेकिन, बीते एक माह में काम का पैसा न मिलने से ठेकेदार लाल चेहरा लेकर घूम रहे हैं। एमडीए की मैडम ऐसी हैं कि कोई उनसे बात करने को तैयार नहीं होता है। हां, उनके नाम पर अभियंता गोल-माल का खेल खूब खेल रहे हैं। इस खेल में किसका कितना हिस्सा है इस बात से तो बड़े साहब अनजान है लेकिन, बड़े साहब की मीठी गोली से ठेकेदार नेता परेशान जरूर हैं। 

सपा विधायक का दिल भाजपाई 

समाजवादी पार्टी के जनपद में चार विधायक है। इनमें से एक ऐसे हैं, जिनको भारतीय जनता पार्टी वालों की मिठाई बहुत अच्छी लगती है। सपा सरकार में विधायक जी का खूब जलवा था। इनके नाम से अफसर भी कांप उठते थे लेकिन, सत्ता परिवर्तन के साथ ही इनके मन का परिवर्तन भी हो गया है। वैसे भी राजनीति में कोई दोस्त और दुश्मन नहीं होता है। सपा विधायक को इन भाजपा विधायक की मिठाई बहुत अच्छी लग रही है। बात केवल मिठाई तक ही सीमित नहीं है। मंदी के दौर में धंधा भी जरूरी होता है। ऐसे में पार्टी की नीतियां एक तरफ रख कर विधायक जी सभी के गले मिल लेते हैं। हां पब्लिक में सपा विधायक भाजपा को खूब खरी-खोटी भी सुनाते हैं लेकिन, पर्दे के पीछे एक-दूसरे को गले भी खूब लगाते हैं। सत्ता के प्रभाव में सभी एक ही घाट का पानी पी रहे हैं।

बड़े की चाल में फंसे 

बड़े साहब की उदारता का जनपद में गुणगान होता आया है लेकिन, कुछ अफसर यह सोच लेते हैं कि बड़े साहब कुछ जानते ही नहीं है। इन दिनों कलेक्ट्रेट अफसर बड़े साहब से काफी परेशान हैं। रात-दिन बस बड़े साहब के जाने का इंतजार करते रहते हैं। बड़े साहब का जाल ऐसा बिछा है कि यह छोटे साहब अपना कोई खेल ही नहीं खेल पा रहे हैं। एक मामले में छोटे साहब ने अपने नियम के अनुसार फैसला सुना दिया। इसकी भनक बड़े साहब तक पहुंची तो उन्होंने छोटे साहब को खूब खरी-खोटी सुना दी। जमीन के मामलों में यह छोटे साहब बड़े शातिर हैं लेकिन, बड़े साहब की चाल में ऐसा फंस गए हैं कि अब लिया हुआ बयाना भी वापस करना होगा। दरअसल जिनसे बयाना लिया वह बड़े साहब के दरबार में पेश हो चुके हैं। अब छोटे साहब इस बात से परेशान हो गए हैं।


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