कंटेनर की कमी और बढ़ते किराए से हस्तशिल्प निर्यात प्रभावित, ईपीसीएच के चेयरमैन ने केंद्रीय मंत्री को लिखा पत्र
समय से आर्डर पहुंचाने के लिए निर्यातकों को कई गुना खर्च उठाना पड़ रहा है। शिपिंग लाइन के मनमाने तरीके से आर्डर के कैंसिल होने का खतरा बना हुआ है। ईपीसीएच के चेयरमैन ने रेलवे एवं वाणिज्य तथा उद्योग के केंद्रीय मंत्री काे पत्र लिखा है।
मुरादाबाद, जेएनएन। Moradabad Handicrafts Export Container Rental Export Problem : कंटेनर की कमी और उनके बढ़ते किराए ने निर्यातकों के सामने नई समस्या खड़ी कर दी है। यह केवल मुरादाबाद की नहीं बल्कि देश भर की समस्या बन गई है। इससे हस्तशिल्प निर्यात प्रभावित होने लगा है। समस्या के समाधान के लिए हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसीएच) के चेयरमैन रवि के पासी ने रेलवे एवं वाणिज्य तथा उद्योग के केंद्रीय मंत्री काे पत्र लिखा है।
उन्होंने कहा कि कोविड महामारी के परिणाम स्वरूप निर्यात की विकास दर रुक सी गई है। हालांकि, इस वित्तीय वर्ष की दूसरी तिमाही में व्यवसायिक गतिविधियों ने रफ्तार पकड़ी है, लेकिन, कंटेनर की कमी के कारण शिपमेंट के समय देरी उनके सामने ऐसी समस्या खड़ी कर रही है, जिससे निकलना मुश्किल हो जाता है। उन्होंने कहा कि शिपमेंट में किसी भी तरह की और देरी से एक्सपोर्ट आर्डर रद भी हो सकते हैं। इसके अलावा शिपिंग लाइनों द्वारा लगाया जा रहे अतिरिक्त शुल्क के कारण भाड़ा शुल्क कई गुना बढ़ गया है। कच्चे माल की कीमतों में वृद्धि इस समस्या को और जटिल बना रही है। उन्होंने सरकार से तत्काल इस समस्या के समाधान के लिए आग्रह किया, ताकि देश से निर्यात बिना किसी बाधा के जारी रहे। बंदरगाह पर समय से लदान की सुविधा मिल सके। उन्होंने आगे कहा कि शिपमेंट से संबंधित मूल्य निर्धारण, नियमों और शर्तों और अन्य प्रावधानों को नियंत्रित करने और निगरानी करने के लिए संसद के अधिनियम के माध्यम से एक नियामक प्राधिकरण की स्थापना पर विचार किया जाना चाहिए। वर्तमान समय में शिपिंग लाइंस मनमाने ढंग से मूल्य निर्धारण कर रही हैं और मनमाने तरीकों से ही निर्यातकों पर शर्तें थोप रही हैं, इससे बाजार में नकारात्मक माहौल बन रहा है। साथ ही इंडस्ट्री प्रभावित हो रही है।
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