ओडीएफ की हकीकत पर दाग लगा रहे आधे-अधूरे शौचालय Moradabad News
जागरण न्यूज नेटवर्क प्रधानमंत्री ने देश को ओडीएफ घोषित कर देश के सभी नागरिकों को गर्व करने का मौका दिया है। वहीं सच्चाई इससे थोड़ी सी इतर है।
जागरण न्यूज नेटवर्क : प्रधानमंत्री ने देश को ओडीएफ घोषित कर देश के सभी नागरिकों को गर्व करने का मौका दिया है। वहीं, सच्चाई इससे थोड़ी सी इतर है। सरकारी मशीनरी की लापरवाही और गांव की राजनीति से इस हकीकत पर थोड़े से दाग छूट गए हैं। सरकार के लगातार प्रयास से हर घर में शौचालय बना दिए गए, कुछ में बने पर अधूरे ही रह गए और उन्हें सर्वे में ओके कर दिया गया। इसके कारण आज भी लोग खुले में शौच जाने को मजबूर हैं। हालांकि कुछ लोगों की आदत भी खुले में जाने की बनी हुई है। अभी भी इस दिशा में काफी काम करने की जरूरत है।
कुछ छूटे तो कुछ के रह गए अधूरे
कुंदरकी : ब्लाक की कुतुबपुर अज्जू ग्राम पंचायत के चिडिय़ाठेर गांव के लोग खुले में शौच जाने को मजबूर हैं। इस गांव के अधिकतर लोगों को शौचालय नहीं मिला है और जिसे मिला भी है वह अद्र्धनिर्मित है। ग्रामीणों का आरोप है कि ग्राम प्रधान ने शौचालय निर्माण कराने में धांधली की है। साथ ही लोगों के साथ भेदभाव भी किया है। इससे बहुत से ग्रामवासी अभी भी खुले में शौच जाने को मजबूर हैं।
धुंधली है ओडीएफ की तस्वीर
बिलारी : हरौरा गांव में गुरुवार को जागरण टीम की पड़ताल में शौचालयों की हकीकत आंकड़ों के विपरीत दिखी। यहां किसी का शौचालय नहीं बना था तो किसी ने शौचालय का दूसरे रूप में प्रयोग शुरू कर दिया था। दानवीर ने बताया कि उनका शौचालय अभी तक नहीं बना है। इसके अलावा सुभाष चंद्र शर्मा, हीरालाल आदि को भी शौचालय नहीं मिला है। इस बारे में प्रधान पूरन सिंह का कहना है कि 52 नये पात्रों की सूची सचिव को दी है, जो जिला स्तर पर प्रेषित कर दी गयी है। पैसा आते ही शौचालय बनवा दिए जाएंगे।
हरौरा गांव में बने 525 शौचालय
प्रधान ने बताया कि छह हजार की जनसंख्या वाले हरौरा गांव में 525 शौचालय बन चुके हैं। इनमें दस शौचालय का निर्माण पूरा नहीं हो पाया है। ममता देवी ने बताया कि शौचालय की छत नहीं है, जिसके कारण उसका उपयोग नहीं हो रहा है। कुछ लोगों ने कहा कि शौचालय बने हैं लेकिन, जंगल में जाने की आदत बनी है।
नगलिया जट गांव के लोगों ने की मांग : ऐसे ही नगलिया जट गांव में मुहम्मद शरीफ मलिक समेत कई लोगों ने शौचालय बनवाए जाने की मांग की। इसके अलावा मुंडियाराजा और मुंडिया भीकम गांवों में शौचालय निर्माण में गड़बड़ी की जांच चल रही है।
यहां पूरा नहीं होता ओडीएफ का दावा
कांठ : क्षेत्र में ऐसे तमाम लोग हैं जिनके शौचालय तक नहीं बने है और कुछ लोगों के शौचालय बने भी है तो वह अधूरे बने हुए हैं। ग्राम प्रधान व ग्राम विकास अधिकारी ने अधूरे शौचालयों के भी फोटो खींचकर उन्हें ओडीएफ में लिखकर भेज दिया है। हीरापुर बेगमपुर निवासी सोनू सिंह ने बताया कि उनका शौचालय का चेक आजतक नहीं मिला है। गांव बगिया सागर के मजरा जस्सू नगला निवासी राजेंद्र कुमार, मुकेश कुमार, विजयपाल सिंह ने बताया कि प्रधान ने उनके शौचालय नहीं बनवाए हैं। अलीपुरा खालसा निवासी पंकज कुमार पुत्र जगदीश सिंह तथा ऋषिपाल सिंह के शौचालय में लकड़ी, उपले आदि रखे है। उनसे पूछा गया कि आप लोग इसका उपयोग क्यों नहीं कर रहे तो उन्होंने बताया कि शौचालय में अभी तक सीट लगी है। ब्लाक के चक्कर काट-काटकर थक गए लेकिन, शौचालय निर्माण पूर्ण नहीं हुआ।
अभी खुले में शौच मुक्त के लिए करना होगा इंतजार
डिलारी : ग्राम पंचायत हिमायूंपुर अभी 91 शौचालय अधूरे पड़े हैं। गांव निवासी बबलू, गुड्डू, भूकन सिंह, कांति देवी, विजय, महेंद्र सिंह, आदि की शिकायत पर डीपीआरओ ने दस अगस्त को टीम गठित कर ओडीएफ का सच जाना। ग्राम प्रधान अजय पाल सिंह ने बताया कि सभी अधूरे शौचालय का निर्माण किया जायेगा। इसके अलावा सिडलऊनजरपुर, अलियाबाद, मनकुआ, सिहाली खद्दर, पीपीली, उमरपुर, राजपुर, केसरिया आदि गांवों में भी सैकड़ों शौचालय अधूरे हैं। लोग खुले में शौच जाने को मजूबर हैं।
पूरा गांव ही करता रह गया शौचालय निर्माण की मांग
भगतपुर टांडा : ग्राम पंचायत पाडली वाजे के ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से लेकर मुख्यमंत्री तक पत्र भेजकर शौचालय की मांग की लेकिन, फिर भी उन्हें शौचालय नहीं मिला। ग्रामीणों को कहना है शौचालय बनवाने के नाम पर जमकर धन उगाही की गई है, इसके बाद भी तमाम लोगों के शौचालय आधे-अधूरे पड़े हैं। लोगों ग्राम प्रधान व सचिव पर धांधली का आरोप लगाया। ग्राम प्रधान राजेंद्र सिंह ने बताया कि शौचालय निर्माण पूरे नहीं होने का जवाब नहीं दे सके। वहीं सचिव विनोद कुमार सागर ने बताया कि तमाम लोगों के शौचालय बनवा दिए गए हैं, जो रह गए हैं वह भी जल्द बनवा दिए जाएंगे। धांधली के आरोप निराधार हैं।
दिव्यांग सुरेंद्र सिंह, बबलू पुत्र नत्थू, राजपाल सिंह पुत्र बिंदू, रमेश पुत्र चौखे, बिल्लू पुत्र गजराम, रवि कुमार पुत्र चंद्र, बंटी पुत्र सोरन, शिवचरण पुत्र बुद्धा, गुड्डू पुत्र परशुराम, जय सिंह पुत्र फकीरा, उदेश पुत्र बब्बू, सुनील पुत्र बब्बू, बंटी पुत्र अनिल, डालचंद्र पुत्र खेम सिंह, रमेश पुत्र उमराव, चरण सिंह पुत्र झाऊ, संजय पुत्र ब्रजकिशोर, ज्ञान सिंह पुत्र शिवचरण, कृष्णा पत्नी स्व. रामनरायण, सुरेश पुत्र गजराम, रमेश पुत्र गजराम, राधेलाल पुत्र आनंद स्वरूप व कपिल शर्मा पुत्र भगवत शरण शर्मा खुले में शौच जाने को मजबूर हैं। यही नहीं बहुत से घरों में शौचालय के नाम पर पुराने जमाने की खड्डियां बनी हैं।