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मुरादाबाद में जीआरपी जवान की कार में लगी आग, बेटी की मौत Moradabad News

सीओ ने बताया कि पूरे मामला संदिग्ध है। पुलिस में होने के बाद भी जीआरपी के जवान ने हादसे की सूचना थाने में देने के बजाए बेटी का अंतिम संस्कार कर दिया।

By Narendra KumarEdited By: Published: Sat, 02 May 2020 12:45 PM (IST)Updated: Sat, 02 May 2020 12:45 PM (IST)
मुरादाबाद में जीआरपी जवान की कार में लगी आग, बेटी की मौत  Moradabad News
मुरादाबाद में जीआरपी जवान की कार में लगी आग, बेटी की मौत Moradabad News

मुरादाबाद, जेएनएन। गाजियाबाद में तैनात जीआरपी जवान की कार में संदिग्ध हालत में आग लग जाने से उसकी बेटी जिंदा जलकर मर गई। परिजनों ने पुलिस को बिना बताए शव का अंतिम संस्कार कर दिया। पुलिस ने मृतका के पिता से पूछताछ की। फोरेंसिक टीम ने भी घटना स्थल पहुंचकर साक्ष्य जुटाए हैैं।

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यह है पूरा मामला

ठाकुरद्वारा कोतवाली के ग्राम रानीनांगल निवासी किरनपाल यादव जीआरपी में तैनात हैं। वर्तमान में उसकी तैनाती गाजियाबाद में है। किरनपाल यादव बेटी पारुल को कार से लेकर अपनी ससुराल ठाकुरद्वारा के शिवनगर पत्थरखेड़ा जा रहा था। जीआरपी के जवान ने बताया कि उसकी ससुराल के गांव से पहले पुलिया के पास उनकी वैगनआर कार में आग लग गई। कार में चौदह वर्षीय बेटी पारुल की जलकर मौत हो गई। उसने ससुरालियों को सूचना दी तो परिजनों ने पहुंचकर पारुल के शव का पुलिस को सूचना बिना अंतिम संस्कार कर दिया। बाद में ग्राम प्रधान ने कार जलने की सूचना पुलिस को दी। सीओ ठाकुरद्वारा विशाल यादव ने फोरेसिंक टीम के साथ पहुंचकर साक्ष्य जुटाए। किरनपाल का कहना है कि पुलिया से टक्कर लगने से कार में आग लग गई थी। इसमें वह तो बच गया, लेकिन उसकी बेटी जल गई। लेकिन, जीआरपी जवान की कहानी किसी के गले नहीं उतर रही है।सीओ ने बताया कि इस पर भी सवाल खड़ा हो रहा है। हम ऑनर किलिंग की एंगिल से भी मामले को देख रहे हैैं। हालांकि इस तरह के अभी तक कोई साक्ष्य तो नहीं मिले हैैं। साक्ष्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई होगी।

लॉकडाउन में भी गाजियाबाद से गांव पहुंचा किरनपाल

कोराना लाकडाउन के साथ जिले की सीमाएं सील हैं। इसके बावजूद किरनपाल गाजियाबाद से सफर तय कर ठाकुरद्वारा पहुंच गया। कोतवाली के ग्राम रानीनांगल निवासी किरनपाल यादव वर्तमान में जीआरपी में गाजियाबाद में तैनात है। वह पत्नी और बच्चों के साथ गाजियाबाद में रहता है। लॉकडाउन में जहां जनपद की सीमाओं पर चेकिंग की जा रही है। ऐसे में किरनपाल बेटी को लेकर गाजियाबाद से ठाकुरद्वारा तक आ गया। इससे जाहिर है कि वायरस का खतरा सिर्फ आम आदमी को है या फिर लॉकडाउन के नियमों का पालन करने की जिम्मेदारी भी आम आदमी के उपर है।  


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