Gold inflation : रामपुर में सोने की चमक पर महंगाई का ग्रहण, नहीं मिल रहे खरीदार
Gold inflation कोरोना के साथ लोगों को अब सोने की महंगाई से भी लड़ना पड़ रहा है। इसकी वजह से काफी लोग इस सीजन में शादियां करने से भी बच रहे हैं।
रामपुर, जेएनएन। कोरोना की मार के साथ ही अब जनता को महंंगाई की मार को भी झेलना पड़ रहा है। एक तरफ तो डीजल व पेट्रोल के बढ़े दामों ने लोगों को परेशान किया हुआ है। वहीं अब सोने के दामों में वृद्धि आम आदमी के लिए परेशानी का कारण बन गई है। विशेषकर शादियों के सीजन में बढ़े दामों ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है।
लॉकडाउन से ठीक पहले 38 हजार रुपये तोला तक रहे सोने के दामों में अब अनलॉक के दौरान अचानक 10 हजार रुपये से ऊपर का उछाल आ गया है। 14 मार्च से पहले तक इस के दाम 38 हजार रुपये थे। उस के बाद 42 हजार पर पहुंच गए। लॉकडाउन होने के कारण दो महीनों से अधिक तक सब कुछ बंद रहा।
एक जून से अनलॉक हुआ तो शादियां भी होने लगीं। हालांकि अब पहले जैसी रौनक के बीच शादियां नहीं हो रहीं। लेकिन, बिना सुंदर वस्त्रों और आभूषणों के कोई भी विवाह अधूरा ही रहता है। ऐसे में अचानक सोना आसमान छूने लगा है। बताया जा रहा है कि वर्तमान में सोने के बिस्किट का रेट 49 हजार सात सौ रुपये है तो 22 कैरेट का 46 हजार रुपये तोला।
यह कीमत बहुत बड़ी है
ऐसे में आम आदमी के लिए तो यह कीमत बहुत बड़ी है। परिणाम यह है कि अब लोग सर्राफा बाजार का रुख बहुत ही कम कर रहे हैं। वे घर में रखे पुराने जेवरों से ही काम चला रहे हैं। सोना 50 हजार को छूने वाला है। इस के दामों में यह वृद्धि भारत और चीन के मध्य तनाव के कारण है। रेट बढ़ने से लोग दुकान तक नहीं आ पा रहे हैं। कारोबार लगभग शून्य पर पहुंच गया है।
पारितोष चांदीवाला, अध्यक्ष सर्राफा कमेटी
बाजार पर पड़ा सीधा असर
सोना इस समय सबसे ऊंचे दाम पर चल रहा है। चर्चाएं हैं कि यह 55 हजार रुपये तक भी जा सकता है। इस का सीधा असर बाजार पर पड़ा है। लोग पुराने जेवर ही शादियों में काम में ला रहे हैं।
विनोद कुमार रस्तोगी, सचिव सर्राफा कमेटी