सोनकपुर ओवरब्रिज का निरीक्षण करेंगे उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक, स्पेशल ट्रेन से पहुंचेंगे मुरादाबाद
उत्तर रेलवे महाप्रबंधक आशुतोष गंगल का छह अगस्त को मुरादाबाद रेल मंडल का निरीक्षण प्रस्तावित है। इस दौरान सोनकपुर ओवरब्रिज के निर्माण का भी निरीक्षण किया जाना प्रस्तावित है। छह अगस्त की सुबह महाप्रबंधक स्पेशल ट्रेन से दिल्ली से मुरादाबाद पहुंचेंगे।
मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। उत्तर रेलवे महाप्रबंधक आशुतोष गंगल का छह अगस्त को मुरादाबाद रेल मंडल का निरीक्षण प्रस्तावित है। इस दौरान सोनकपुर ओवरब्रिज के निर्माण का भी निरीक्षण किया जाना प्रस्तावित है। प्रस्तावित निरीक्षण के अनुसार छह अगस्त की सुबह महाप्रबंधक स्पेशल ट्रेन से दिल्ली से मुरादाबाद पहुंचेंगे और मंडल के रेलवे अधिकारियों के साथ रोजा से सीतापुर के बीच चल रहे दोहरीकरण कार्य का निरीक्षण करेंगे।
बता दें कि रोजा से जंगबहादुर गंज तक दोहरीकरण कार्य पूरा हो चुका है। जहानीखेड़ा से नेरी हाल्ट तक 24 किलोमीटर तक दोहरीकरण का काम लगभग पूरा हो चुका है और अगस्त के अंत कर दोहरीलाइन से ट्रेन चलाने की योजना है। इसके बाद दिसंबर तक महोली से सीतापुर तक दोहरीकरण का कार्य पूरा कर लिया जाएगा। निरीक्षण करने के बाद महाप्रबंधक शाम तक मुरादाबाद लौट आएंगे और सोनकपुर ओवरब्रिज का निरीक्षण भी करेंगे। पहले मुरादाबाद दिल्ली रेल मार्ग पर कांशीराम नगर के पास ओवरब्रिज के निर्माण कार्य का निरीक्षण करेंगे। उसके बाद सहारनपुर रेल मार्ग पर बन रहे ओवरब्रिज का निर्माण करेंगे।
पालिकाध्यक्ष ने दर्ज कराए बयान : रामपुर नगर पालिकाध्यक्ष फात्मा जबी ने शासन से नोटिस जारी होने के बाद लखनऊ जाकर निदेशालय में बयान दर्ज कराए। शासन ने उन्हें बापू मॉल की दुकानों को आंवटित न करने की वजह से हुई आर्थिक क्षति के चलते नोटिस जारी किया था। प्रशासन ने साल 2019 में रामपुर पालिका को आवंटित बापू माल की दुकानों के आवंटन न करने में लापरवाही बरतने का आरोप में नोटिस भेजा था। कई बार नोटिस जारी होने के बाद भी दुकानों का आवंटन नहीं होने पर प्रशासन ने इस पूरे प्रकरण की रिपोर्ट नगर विकास विभाग को भेज दी थी। पालिकाध्यक्ष पर शासन व प्रशासन के खिलाफ होर्डिंग लगाकर छवि धूमिल करने का भी आरोप है। इस संबंध में पालिकाध्यक्ष ने जवाब भेजा था मगर शासन पालिकाध्यक्ष के जवाब से संतुष्ट नहीं हुआ था। इस पर अगस्त 2019 में पालिकाध्यक्ष फात्मा जबी के वित्तीय एवं प्रशासनिक अधिकारों को सीज भी कर दिया गया था। उनके खिलाफ जांच भी बैठा दी गई थी। शासन की ओर से नोटिस जारी किए जा चुके हैं। हालांकि हाईकोर्ट के आदेश पर अधिकार बहाल हो चुके हैं। इसके बावजूद जांच अभी भी चल रही है। जांच में पक्ष रखने के लिए शासन की ओर से पालिकाध्यक्ष को नोटिस जारी किया गया था। इसके बाद चेयरमैन ने लखनऊ निदेशालय में अपने बयान दर्ज कराए।