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Ganesh Chaturthi : मुरादाबाद में घर-घर और गली-गली में गूंजा गणपति बप्पा मोरिया

गणेश चतुर्थी पर सुबह से थी तैयारी विघ्नहर्ता भगवान श्री गणेश की आराधना के लिए भक्तों ने एक दिन पहले ही तमाम तैयारियां कर ली थी।

By Narendra KumarEdited By: Published: Sat, 22 Aug 2020 08:10 PM (IST)Updated: Sat, 22 Aug 2020 08:10 PM (IST)
Ganesh Chaturthi : मुरादाबाद में घर-घर और गली-गली में गूंजा गणपति बप्पा मोरिया
Ganesh Chaturthi : मुरादाबाद में घर-घर और गली-गली में गूंजा गणपति बप्पा मोरिया

मुरादाबाद, जेएनएन। कोरोना काल में सामूहिक कार्यक्रमों पर रोक होने के बाद बावजूद भी गणेश चतुर्थी का उत्साह कम नहीं हुआ। शहर में घर-घर जयकारों के साथ श्री गणेश को स्थापित किया गया। परिवार के बड़ों के साथ ही बच्चों में भी उत्साह देखने लायक था। घरों में पूजन होने के बाद के श्री गणेश के जयकारे लगाए गए। गणेश चतुर्थी के अवसर पर श्री गणेश के जयकारे की गूंज रही। इस अवसर पर प्रमुख स्थानों पर होने वाले सामूहिक कार्यक्रम कोरोना वायरस की वजह से स्थगित कर दिए गए थे।

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शनिवार और रविवार का लॉकडाउन होने की वजह से लोगों ने शुक्रवार को ही मूर्तियां ले ली थी। पूजन के सामान के साथ ही पंडित जी को भी एक दिन पहले ही बोल दिया गया था। सामूहिक कार्यक्रमों में एक पंडित जी का मुख्य काम होता था। शनिवार को घर-घर श्री गणेश की प्रतिमा स्थापित होने की वजह से पंडित जी का समय भी बहुत सीमित रहा। पूजा-अर्चना और आरती के बाद सभी को प्रसाद वितरित किया गया। बच्चों ने श्री गणेश देवा के जयकारे लगाए। बोले श्री गणेश की कृपा से कोरोना वायरस भी समाप्त होगा। विघ्नहर्ता भगवान श्री गणेश की आराधना के साथ व्यक्तिगत रूप से भक्तों ने घर-घर में भगवान श्री गणेश की पूजा आराधना की। घरों में भजन गाए और भगवान श्री गणेश से अपने दुख-दर्द दूर करने की भी प्रार्थना की गई। शनिवार की सुबह से ही घरों में भगवान श्री गणेश की प्रतिमा स्थापित करने का उल्लास छाया रहा। सामूहिक कार्यक्रमों में बच्चों को बड़ी मूर्ति के पास जाने को नहीं मिलता था लेकिन, इस बार कोरोना की वजह से घर-घर गणेश चतुर्थी मनाने का कार्यक्रम हुआ तो बच्चे भी बड़ों के साथ मूर्ति लेकर घर पहुंचे। पिछले साल लगे थे 500 से अधिक पंडाल मुरादाबाद में गणेश चतुर्थी के उपलक्ष्य में गणेश प्रतिमा स्थापित करने का चलन बढ़ता जा रहा है। पिछले साल छोटे बड़े मिलाकर महानगर में 500 से अधिक स्थानों पर पंडाल लगाकार प्रतिमा स्थापित की गई थीं। इस श्रद्धालुओं में जोश तो दिखाई दे रहा है, पर पंडाल नहीं सजे हैं। डीजे की धमक भी सुनाई नहीं दी।


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