मुरादाबाद जिले के तीन लाख लोगों को नहीं मिल पाया निश्शुल्क राशन, पढ़ें इसके पीछे की वजह
Free Ration Distribution अभी जिले में साढ़े सात सौ दुकानों पर राशन का वितरण शुरू नहीं हो पाया है। अप्रैल का राशन नहीं मिलने से तीन लाख से अधिक कार्ड धारक परेशान है। गुजरात से तेल व मध्य प्रदेश से चना नहीं पहुंचने के कारण वितरण रुका हुआ है।
मुरादाबाद, जेएनएन। Free Ration Distribution : अभी जिले में साढ़े सात सौ दुकानों पर राशन का वितरण शुरू नहीं हो पाया है। अप्रैल का राशन नहीं मिलने से तीन लाख से अधिक कार्ड धारक परेशान है। गुजरात से तेल व मध्य प्रदेश से चना नहीं पहुंचने के कारण राशन का वितरण रुका हुआ है।
विधानसभा चुनाव के कारण मार्च से ही राशन वितरण व्यवस्था चरमरा हुई है। अप्रैल के द्वितीय चरण में गेहूं व चावल के साथ प्रत्येक कार्ड धारकों को एक किलो चना, नमक व एक लीटर तेल दिया जाना है। वितरण को 29 अप्रैल से 12 मई तक किया जाना था, लेकिन तेल गुजरात से और चना मध्यप्रदेश से नहीं पहुंचने के कारण राशन वितरण शुरू नहीं हो पाया। शासन ने राशन वितरण की तिथि बढ़ाकर 20 मई कर दी है। अभी भी जिले के कुंदरकी, ठाकुरद्वारा व भोजपुर गोदाम पर तेल चना नहीं पहुंचा है।
महानगर, कांठ, दलपतपुर के गोदाम से जिले की पांच सौ राशन दुकानों पर चना, तेल व नमक की आपूर्ति हो जाने से वितरण शुरू हो गया है। जिले के साढ़े सात सौ राशन दुकानों पर चना, तेल नहीं पहुंचा है, यहां राशन का वितरण शुरू नहीं हो पाया है। राशन नहीं मिलने से कार्ड धारक परेशान हैं। वितरण की तारीख आगे बढ़ाई जाएगी। सभी कार्ड धारकों को राशन मिलने के बाद मई के प्रथम चरण का राशन वितरण किया जाएगा। जिला पूर्ति अधिकारी अजय प्रताप सिंह ने बताया कि जिले की साढ़े सात सौ दुकानों पर चना व तेल नहीं पहुंचा है, जिसके कारण यहां राशन वितरण शुरू नहीं हो पाया है।
मुरादाबाद जिला अस्पताल में महिला से अभद्रता : अमरनाथ यात्रा के लिए जिला अस्पताल में फिटनेस सर्टिफिकेट बनाए जा रहे हैं। इसको लेकर प्रतिदिन 20 से अधिक लोग सर्टिफिकेट बनवाने के लिए पहुंच रहे हैं। मंगलवार को अमरोहा की चाइल्ड लाइन सार्ड न्यायिक अधिकारी जिला अस्पताल में पहुंची। यहां उन्होंने कमरा नंबर 10 में परीक्षण कराने के लिए कहा तो वहां बैठे कर्मचारी ने उन्हें डांट दिया। इसका उन्होंने विरोध जताया।
इसके बाद भी उन्हें कक्ष से बाहर निकाल दिया गया। उन्होंने मौखिक शिकायत प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डा. एनके गुप्ता से की। उन्होंने शिकायत को अनसुना किया तो वह मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. एमसी गर्ग के कार्यालय पहुंची। यहां उन्होंने आपबीती बताई तो सीएमओ ने कर्मचारी को बुलाकर माफी मंगवाई। इसके बाद मामला शांत हुआ।