देसी किसान की विदेशी फसल
मुरादाबाद : वह किसान तो 'देसी' हैं, लेकिन विदेशी फसलें उगाने और उनका लाभ लेने में उनका
मुरादाबाद : वह किसान तो 'देसी' हैं, लेकिन विदेशी फसलें उगाने और उनका लाभ लेने में उनका कोई सानी नहीं है। इतना ही नहीं पहाड़ी इलाकों की फसल मानी जाने वाली स्ट्रॉबेरी को भी जिले में पहली बार उगाने का श्रेय उन्हें ही जाता है। फसलों में लगातार प्रयोग करके वे किसानों को भी जागरूक करते हैं। ये देसी किसान हैं सम्भल के मियां सराय इलाके में रहने वाले इकबाल शेख। ये अब नाइजीरिया से लाए गए ड्रैगन के पौधे की कलम तैयार करके उसे लगा रहे हैं। ड्रैगन का पौधा कई बीमारियों के इलाज में भी प्रयोग किया जाता है।
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70 की उम्र में भी कुछ नया करने का जज्बा
70 वर्ष की उम्र में भी कुछ नया करने का जज्बा रखने वाले विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के नवअन्वेषक इकबाल शेख ने सम्भल में पहली बार स्ट्रॉबेरी की खेती करवाई थी। स्ट्रॉबेरी पहाड़ी इलाके में होने वाला फल है, लेकिन उन्होंने समतल मैदान में भी इसकी फसल तैयार करके लोगों को आश्चर्य में डाल दिया। दरअसल, उनकी रुचि विदेशी फसलों को पैदा करने में ज्यादा है। उन्होंने सम्भल में ताइवान का तरबूज, टमाटर व अमरूद की फसल भी पैदा की है। यह टमाटर व तरबूज ज्यादातर फाइव स्टार होटलों में देखने को मिलते हैं। वह विदेशी फसलों की खेती स्वयं ही नहीं करते बल्कि अन्य किसानों को भी इसके लिए जागरूक करते हैं। इस बार उन्होंने नाइजीरिया से आये ड्रैगन के पौधे जनपद के कई जगह लगवाए हैं।
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राज्यपाल कर चुके हैं सम्मानित
कृषि के क्षेत्र में अच्छा काम करने के लिए इकबाल शेख को उत्तर प्रदेश के राज्यपाल बीएल जोशी की ओर से 2015 से 17 तक लगातार तीन बार सम्मानित किया जा चुका है। गन्ने की नई प्रजाति तैयार करने के लिए उन्हें गो¨वद वल्लभ पंत विश्वविद्यालय पंतनगर से भी सम्मानित किया जा चुका है।
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अनार जैसा दिखता है ड्रैगन का फल
इकबाल शेख बताते हैं कि ड्रैगन का पौधा 18 से 20 माह में तैयार हो जाता है। पेड़ पांच से छह फिट ऊंचा होता है, जिस पर तीन सौ से आठ सौ ग्राम तक का फल आता है। एक पेड़ पर सात से आठ फल आते हैं। फल अनार के आकार का दिखता है लेकिन अंदर से अनन्नास जैसा निकलता है और खाने में मीठा होता है।
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गंभीर बीमारियों में लाभकारी है ड्रैगन
इकबाल बताते हैं कि ड्रैगन का फल कोलेस्ट्रॉल को कम करने में सहायक है। इसे एंटीऑक्सीडेंट का उत्तम स्रोत माना जाता है। साथ ही यह आर्थेराइटिस, हृदय रोग और वजन नियंत्रित करने में सहायक होता है।