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समाजवादी पार्टी के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा आजम की सीट पर उम्मीदवार घोषित कर पाना Rampur news

सपा के लिए यहां प्रत्याशी चुनना इसलिए मुश्किल हो रहा है क्योंकि आजम परिवार के राजनीतिक रूप से सक्रिय तीनों सदस्य इस समय किसी न किसी पद पर हैंं।

By Narendra KumarEdited By: Published: Thu, 19 Sep 2019 02:44 AM (IST)Updated: Thu, 19 Sep 2019 12:15 PM (IST)
समाजवादी पार्टी के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा आजम की सीट पर उम्मीदवार घोषित कर पाना Rampur news
समाजवादी पार्टी के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा आजम की सीट पर उम्मीदवार घोषित कर पाना Rampur news

मुस्लेमीन, रामपुर। आजम खां के सांसद बनने के बाद खाली हुई रामपुर विधानसभा सीट पर अब उपचुनाव होना है। आजम का इस सीट पर काफी दबदबा है। इस बार वह लोकसभा चुनाव लड़े और सांसद बन गए। अब यह सीट खाली है और शीघ्र ही उपचुनाव की घोषणा होने की उम्मीद है लेकिन, सपा अभी तक अपनी इस सीट पर उम्मीदवार घोषित नहीं कर पाई है। ऐसी ही स्थिति भाजपा की है। उसने भी अभी तक पत्ते नहीं खोले हैं, जबकि कांग्रेस और बसपा ने अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं। सपा के लिए यहां प्रत्याशी चुनना इसलिए मुश्किल हो रहा है क्योंकि आजम परिवार के राजनीतिक रूप से सक्रिय तीनों सदस्य इस समय किसी न किसी पद पर हैंं। आजम जहां लोकसभा सदस्य हैं, वहीं उनकी पत्नी राज्यसभा सदस्य और बेटा अब्दुल्ला विधायक हैं। ऐसे में सपा को इस बार आजम परिवार से बाहर जाकर रामपुर का प्रत्याशी चुनना होगा, इसलिए पार्टी पशोपेश की स्थिति में है। 

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मुस्लिम बहुल सीट है रामपुर

रामपुर मुस्लिम बहुल विधानसभा सीट है, यही वजह है कि इस सीट पर आजादी के बाद से अब तक मुसलमान नेता ही विधायक चुने जाते रहे हैं। इनमें आजम सबसे ज्यादा नौ बार विधायक रहे हैं। मुस्लिम लीडर के साथ ही सपा के फायर ब्रांड नेता के रूप में उनकी पहचान बनी। प्रदेश में जब भी समाजवादी पार्टी सत्ता में आई, तब वह कई-कई विभागों के कैबिनेट मंत्री बने। अब यहां शीघ्र ही विधानसभा उप चुनाव होना है। इसके लिए कांग्रेस ने अरशद अली खां गुड्डू और बहुजन समाज पार्टी ने जुबैर मसूद खां को प्रत्याशी घोषित कर दिया है।  

मुसीबत में फंसे आजम नहीं दे पा रहे ध्यान 

सांसद आजम खां खुद मुसीबत में फंसे हैं। इस कारण वह इस ओर पूरा ध्यान नहीं दे पा रहे हैं। उनके खिलाफ पुलिस प्रशासन पिछले दो माह से लगातार कार्रवाई कर रहा है। जमीन कब्जाने, मकान तोडऩे, लूटपाट करने, हत्या, हत्या के प्रयास, भैंस चोरी, गाय चोरी, बकरी चोरी और किताब चोरी के आरोप में उनके खिलाफ 74 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं।

रामपुर से बाहर हैं आजम 

सांसद आजम के साथ ही उनके परिजनों और करीबियों पर भी मुकदमे दर्ज कराए जा रहे हैं। हालात ऐसे हैं कि आजम रामपुर में जनता के बीच ही नहीं आ पा रहे हैं। उनके आसपास नजर आने वाले तमाम सपा नेता भी रामपुर शहर से बाहर हैं। पुलिस को उनकी तलाश है। पांच दिन पहले सपा मुखिया अखिलेश यादव रामपुर आए और उन्होंने आजम के रिसॉर्ट में ही सपाइयों की सभा को संबोधित किया। उस दौरान भी आजम और उनके करीबी नेता नजर नहीं आए। सांसद के बेटे विधायक अब्दुल्ला ही मोर्चा संभाले हैं। 

पार्टी हाईकमान जिसे चाहेगा, उसे उम्मीदवार बनाएगा। भी नाम हाईकमान से तय होगा हम उसे तन मन धन से चुनाव लड़ाएगे। उम्मीद है कि शीघ्र ही उम्मीदवार की घोषणा हो जाएगी।

अखिलेश कुमार, जिलाध्यक्ष, सपा रामपुर

उपचुनाव की तैयारियां जोर शोर से की जा रही हैं। बूथ कमेटियों को मजबूत किया जा रहा है। सप्ताहभर पहले प्रदेशाध्यक्ष स्वतंत्र देव ङ्क्षसह रामपुर आए थे। तब उम्मीदवार चयन पर भी चर्चा की थी। उम्मीद है कि शीघ्र ही पार्टी उम्मीदवार घोषित हो जाएगा। 

मोहनलाल सैनी, भाजपा जिलाध्यक्ष रामपुर


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